उत्तर प्रदेश चुनावी हलचल

योगी के “अब्बा जान “वाले बयान पर ओवैसी का पलटवार

कहा अगर उत्तर प्रदेश में काम किया होता तो अब्बा अब्बा न चिल्लाना पड़ता

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब्बा जान वाले बयान को लेकर हंगामा मचा हुआ है। रविवार को उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बिना नाम लिए हुए उनपर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाते हुए अब्बा जान कहकर निशाना साधा।

उनके इस अब्बा जान वाले बयान पर कई राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। अब एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी योगी आदित्यनाथ के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर काम किया होता तो ‘अब्बा-अब्बा’ न चिल्लाना पड़ता।

दरअसल रविवार को उत्तरप्रदेश के कुशीनगर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पूर्व की सरकारों पर भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी ने सही मायने में देश के विकास और देश के राजनीतिक एजेंडे को बदला है। अब बिना भेदभाव के समाज के हर तबके तक विकास को पहुंचाया जा रहा है। इसका परिणाम यह हुआ कि हर तबके के लोगों को विकास समान रूप से मिल रहा है। लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं हो रहा है।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज हर गरीब को शौचालय दिया गया। शौचालय देने के लिए किसी का चेहरा नहीं देखा गया इसके बाद उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव का बिना नाम लिए हुए कहा कि आज सबको राशन मिल रहा है? क्या 2017 से पहले भी मिलता था? तब तो अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे। तब कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था। आज अगर कोई गरीबों का राशन निगलेगा तो जेल जाएगा।

योगी आदित्यनाथ के इसी बयान पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राज्य सरकार की खामियां गिनाते हुए एक के बाद एक ट्वीट कर उनपर निशाना साधा। ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ के अब्बा जान वाले वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि कैसा तुष्टिकरण? प्रदेश के मुसलमानों की साक्षरता-दर सबसे कम है, मुस्लिम बच्चों का ड्राप आउट रेट सबसे ज़्यादा है। मुस्लिम इलाक़ों में स्कूल-कॉलेज नहीं खोले जाते। अल्पसंख्यकों के विकास के लिए केंद्र सरकार से बाबा की सरकार को ₹16207 लाख मिले थे, बाबा ने सिर्फ ₹1602 लाख खर्च किया।

इसके अलावा उन्होंने अपने एक और ट्वीट में लिखा कि ग्रामीण उत्तर प्रदेश में 13944 सब सेंटर्स की कमी है, 2936 PHC की कमी है, 53% CHC की कमी है। केंद्र सरकार के मुताबिक बाबा-राज में उत्तरप्रदेश के PHC में सबसे कम डॉक्टर मौजूद हैं। कुल 2277 डॉक्टरों की कमी है। अगर काम किए होते तो “अब्बा अब्बा” चिल्लाना नहीं पड़ता। साथ ही उन्होंने कहा कि 2017-18 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत मात्र 10 मुसलमानों को घर मिले। “अब्बा” के बहाने किसके वोटों का पुष्टिकरण हो रहा है बाबा? देश के 9 लाख बच्चे गंभीर तौर पर कुपोषित हैं, जिसमें से 4 लाख बच्चे सिर्फ़ उत्तरप्रदेश से हैं।

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