इंग्लैंड के दौरे पर गई टीम इंडिया इस बार इतिहास रचने से सिर्फ एक कदम दूर है। सोमवार को खत्म हुए ओवल टेस्ट में 157 रनों से जीत ने 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में मेहमान टीम को 2-1 की बढ़त दिला दी है । इस जीत की खास बात ये है कि ओवल में ही साल 1971 में टीम इंडिया को इंग्लैंड की धरती पर पहली टेस्ट जीत मिली थी और तब अजीत वाडेकर ने टीम की कप्तानी की थी और अब 50 साल बाद साल 2021 में ओवल के मैदान पर जीत मिली है। हालांकि इन 50 वर्षों में टीम इंडिया ने कई बार इंग्लैंड के दौरे किए लेकिन सिर्फ 9 टेस्ट मैचों में ही मेजबान इंग्लैंड को उनकी ज़मीन पर हरा पाने में कामयाबी हासिल हुई है। इन 9 जीतों में मौजूदा कप्तान विराट कोहली की कप्तानी में तीन टेस्ट मैचों में जीत मिली है। जिसमें से दो जीत इसी सीरीज में आई है।
यही नहीं कोहली अब बतौर कप्तान सबसे ज्यादा टेस्ट मैच जीतने वाले कप्तानों में चौथे नंबर पर हैं और स्टीव वॉ के और नजदीक पहुंच गए हैं। कप्तान के तौर पर विराट ने अब तक 38 मैच में टीम इंडिया की जीत की अगुवाई की है। जबकि स्टीव वॉ के खाते में 41 जीत दर्ज है।उनके पहले ग्राहम स्मिथ 58 जीत के साथ पहले और रिकी पॉन्टिंग 48 जीत के साथ तीसरे नंबर पर है ।
ओवल टेस्ट एक और खिलाड़ी के लिए यादगार लम्हा लेकर आया। तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह टेस्ट मैचों में सबसे जल्दी 100 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज बन गए। उन्होंने सिर्फ 24वें टेस्ट मैच में ही ये मुकाम हासिल कर लिया। जबकि इसके पहले कपिल देव के खाते में सबसे तेज 100 विकेट लेने का रिकार्ड 25 मैचों में था।
भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड का ये 19वां दौरा है और पिछले 89 वर्षों में सीरीज विजय की बात करें तो भारत ने अब तक खेली गई 18 सीरीज में से सिर्फ तीन बार ही सीरीज में जीत दर्ज की है। इसमें 1971 की सीरीज में अजीत वाडेकर ने , 1986 की सीरीज में कपिल देव ने और 2007 की सीरीज में राहुल द्रविड़ ने विजेता कप्तानों की भूमिका निभाई। जबकि 2002 में कप्तान सौरव गांगुली ने सीरीज को ड्रॉ करवा लिया था।
1971 में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज को भारत ने 1-0 से जीता था, 1986 में तीन मैचों की सीरीज 2-0 से भारत के खाते में गई थी और 2007 में तीन मैंचों की सीरीज को 1-0 से सीरीज जीतने में टीम इंडिया कामयाब रही थी। 9 टेस्ट जीत में महेन्द्र सिंह धौनी की कप्तानी में 2014 में लॉर्ड्स में मिली जीत भी शामिल है।
यानी अब विराट कोहली के पास सीरीज जीत या सीरीज ड्रॉ दोनों ही कराने का मौका है। जो भी हो इस युवा टीम का नाम इतिहास में दर्ज हो चुका है। 10 सितंबर से मैनचेस्टर में शुरु हो रहे पांचवें टेस्ट में ड्रॉ भी सीरीज में जीत सुनिश्चित कर देगा। और कोहली की टीम के पास इतिहास में नाम दर्ज कराने का स्वर्णिम मौका है।