गोरखपुर। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हज़रत मौलाना शाह अब्दुल अलीम सिद्दीक़ी मेरठी अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक मनाया गया। फातिहा ख़्वानी की गई। मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि मुबल्लिगे आज़म हज़रत मौलाना शाह अब्दुल अलीम की पैदाइश 15 रमज़ान 1310 हिजरी को मेरठ में हुई। आपके वालिद का नाम हज़रत शाह अब्दुल हकीम जोश है। आपने अपने वालिद से क़ुरआन-ए-पाक, अरबी व फ़ारसी की तालीम हासिल की। आपने लॉ की भी पढ़ाई की। इसके अलावा आपने बड़े-बड़े उलेमा-ए-किराम से तालीम हासिल की। आप आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां अलैहिर्रहमां के खलीफा हैं। आप हदीस, फ़िक़्ह, कलाम और तसव्वुफ के माहिर थे। आप उर्दू, अरबी, फ़ारसी, अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, जापानी सहित तकरीबन 15 भाषाओं के जानकर थे। तबलीगे दीन के लिए आपने 30 साल तक हिजाज, अरब, एशिया, अफ्रीका, यूरोप और अमेरीका के बहुत से मुल्कों में सफर किया। आपकी तालीम व फैज से बेशुमार लोगों ने हिदायत पाई और इस्लाम व ईमान से मुशर्रफ हुए। आपने अपनी तालीमात, तकरीर, और किताबों के जरिए दीन-ए-इस्लाम की अजी़म खिदमत की है। आपने बहुत सारी मस्जिदें, इस्लामी तालीमी इदारे, तंजीमें, मकतब, यतीम खाने, शिफा खाने व अस्पताल तामीर किए। आपका निधन 22 ज़िल हिज्जा 1373 हिजरी को हुआ। आपका मजार जन्नतुल बक़ी, मदीना शरीफ़ में है।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। उर्स-ए-पाक में सैफ, समीर, मो. हुसैन, फुजैल, आलम, अहमद आदि ने शिरकत की।