मध्य प्रदेश

सांस्कृतिक विरासत या धरोहरों का महत्व समझकर संरक्षण में योगदान देने की ज़रूरत

इंदौर। पुरातत्व धरोहर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत मध्यप्रदेश पुरातत्त्व, अभिलेखागार और संग्रहालय संचालनालय भोपाल के तत्वावधान में केंद्रीय संग्रहालय इंदौर में व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। अतिथियों ने व्याख्यान माला का शुभारम्भ देवी सरस्वती के चित्र के माल्यार्पण करने के साथ दीप प्रज्वलन कर किया। मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. एचआर. पाटीदार (प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष पर्यटन आईपीएस. एकेडमी), डॉ. श्रीमती संध्या भार्गव (प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष (इतिहास विभाग शासकीय अटल बिहारी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय), वरिष्ठ मुद्रा शास्त्री गिरीश शर्मा ‘आदित्य’ एवं आस्तिक भरद्वाज (प्रोजेक्ट कोर्डिनेटर, आईजीएनसी) उपस्थित रहे। इस मौके पर वरिष्ठ मुद्रा शास्त्री गिरीश शर्मा ‘आदित्य’ ने अपने विशाल मुद्रा संग्रह को दान कर मुद्रा संग्रहालय स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने सांस्कृतिक धरोहर और पहचान को समझने के लिए युवाओं को प्रेरित भी किया, ताकि वे अपने इतिहास और संस्कृति के महत्व को जानें और उसे संजोकर रखें। डॉ. एचआर. पाटीदार ने अपने व्याख्यान में सांस्कृतिक विरासत या धरोहरों का महत्व समझकर संरक्षण में योगदान देने की ज़रूरत बताई। उन्होंने पुरातत्वीय स्मारकों के संरक्षण के महत्व के साथ ही उनसे सम्बंधित समस्याओं एवं प्रभाव पर प्रकाश डाला। डॉ. संध्या भार्गव ने इतिहास में पुरातत्व के विषय पर अपने उद्बोधन में इतिहास निर्माण में पुरातत्वीय साक्ष्यों यथा अभिलेख, मुद्रा एवं स्थापत्य के महत्व को दर्शाते हुए विविध उदाहरणों से उपस्थित श्रोताओं का ज्ञानवर्धन किया। इसी क्रम में आस्तिक भारद्वाज द्वारा आईजीएनसी संस्था का परिचय देते हुए पुरातत्व वस्तुओ का संरक्षण क्यों आवश्यक है एवं उसकी विविध तकनीकों के सम्बन्ध में अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन से भी समझाया। व्याख्यान माला की समाप्ति के बाद शासकीय अटल बिहारी कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय तथा आईपीएस एकेडमी के विद्यार्थियों द्वारा संग्रहालय भ्रमण किया गया। व्याख्यानमाला में विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के अतिरिक्त डॉ. एस.के. भट्ट (इतिहासकार), हिमांशु दूधवड़कर (वास्तु सलाहकार), प्रवीण श्रीवास्तव (रसायनज्ञ), योगेश पाल (प्रभारी संग्रहाध्यक्ष, उज्जैन) उपस्थित रहे। व्याख्यान माला के आखिर में प्रकाश परांजपे (उपसंचालक, पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्राहलय, इंदौर) द्वारा विभाग की ओर से सभी वक्ताओं एवं उपस्थित श्रोताओं का आभार व्यक्त किया गया। विश्व धरोहर सप्ताह में विरासत जानने की ललक शहरवासियों में देखी गयी।

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