नवादा: 22 अक्तूबर। बिहार स्टेट उर्दू टीचर्स एसोसिएशन नवादा के ज़िला अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद जहांगीर आलम ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि
ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर हाजिरी की समस्या एक गंभीर मामला है
हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि कई शिक्षक ई- शिक्षा कोष पोर्टल पर हाजिरी दर्ज करने के बावजूद “Absent” के रूप में दर्शाए जा रहे हैं। यह स्थिति शिक्षकों के लिए न केवल मानसिक दबाव का कारण बन रही है, बल्कि यह उनके पेशेवर करियर पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।
शिक्षक और विभाग: कौन है जिम्मेदार ?
इस मामले में सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि दोष किसका है—शिक्षकों का या विभाग का?
शिक्षकों की ओर से: कुछ शिक्षक यह आरोप लगाते हैं कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण उनकी हाजिरी सही से दर्ज नहीं हो रही। उन्हें समय-समय पर पोर्टल में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
विभाग की ओर से: विभागीय अधिकारी बताते हैं कि पोर्टल का सही तरीके से संचालन सुनिश्चित करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है। हालांकि, उन्हें यह भी स्वीकार करना पड़ता है कि सिस्टम में कई बार तकनीकी खामियां आ सकती हैं, जो शिक्षकों की समस्याओं को बढ़ा रही हैं।
संभावित समाधान
इस समस्या के समाधान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
प्रशिक्षण कार्यक्रम: शिक्षकों को पोर्टल के सही उपयोग के लिए नियमित प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
सुधारात्मक उपाय: विभाग को पोर्टल में सुधार करने और तकनीकी समस्याओं को तुरंत हल करने के लिए एक विशेष टीम गठित करनी चाहिए।
शिकायत निवारण तंत्र: एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करनी चाहिए, ताकि शिक्षकों की समस्याओं को त्वरित रूप से सुना जा सके।
निष्कर्ष
ई शिक्षा कोष पोर्टल पर हाजिरी की समस्या गंभीर है, और इसे हल करना अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल शिक्षकों की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है, बल्कि छात्रों की शिक्षा पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ता है। विभाग और शिक्षकों दोनों को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने की आवश्यकता है।