राजस्थान

मिठे का तला में जल्सा-ए-ग़ौषे आज़म का आयोजन

बाड़मेर, राजस्थान

मिठे का तला में 08 रबीउल ग़ौष 1446 हिजरी मुताबिक़ 12 अकटूबर 2024 ईस्वी को जल्सा-ए-ग़ौषे आज़म का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में इलाक़े के उल्मा-ए-किराम और दीनी इदारों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत तिलावते कलामे रब्बानी से हुई। इसके बाद दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ के तल्बा ने नअ़त व मन्बक़त और तक़ारीर पेश कीं।

मुख्य वक्ताओं में हज़रत मौलाना अ़ली मुहम्मद अशफाक़ी, हज़रत मौलाना वली मुहम्मद सोहर्वर्दी, और हज़रत मौलाना मुहम्मद युसूफ क़ादरी खलीफा जीलानी जमाअ़त ने अपने विचार साझा किए।

नअ़त ख्वाँ की हैषियत से मद्दाहे रसूल हज़रत मौलाना क़ारी मुहम्मद जावेद साहब सिकन्दरी अनवारी और वासिफे शाहे हुदा हज़रत हाफिज़ व क़ारी अ़ताउर्रहमान साहब क़ादरी अनवारी जोधपुर ने नअ़त व मनाक़िब पढ़कर मज्मा में वज्द की कैफियत तारी कर दी।

खतीबे खुसूसी पीरे तरीक़त रहबरे राहे शरीअ़त नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी ने बुज़ुर्गाने दीन की सीरत की रोशनी में इस्लाही व नासिहाना तक़रीर की। उन्होंने लोगों को अअ़माले सालिहा की जानिब राग़िब करने के साथ वक्त की क़द्र व क़ीमत की याद दिलाई।

इस कार्यक्रम में उल्मा-ए-किराम और दीनी इदारों के प्रतिनिधियों के अलावा स्थानीय नेताओं और समाज के प्रतिष्ठित लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन सलातो सलाम और दुआ़ के साथ हुआ।

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *