बाराबंकी

बाराबंकी: बारह रबीउल अव्वल के चार दिवसीय कार्यक्रम से सम्बंधित अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड की जेली सीरत कमेटी की बैठक आयोजित

बाराबंकी(अबू शहमा अंसारी)अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड क़स्बा व तहसील फतेहपुर की जेली सीरत कमेटी की ओर से बारह रबीउल अव्वल के ऐतिहासिक चार दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम से सम्बंधित बाद नमाज़ इशा, दफ्तर अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड फतेहपुर में जेली सीरत कमेटी के अध्यक्ष डॉ0 जमालुद्दीन अलीग की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई जिसका संचालन मास्टर अहमद सईद हर्फ़ ने किया। डॉ0 जमालुद्दीन अलीग ने अपने सम्बोधन में कहा कि बारह रबीउल अव्वल हमारे आक़ा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश का दिन है और वफात का भी दिन है, हम उनकी शान में सीरतुन्नबी के शीर्षक से बारह रबीउल अव्वल के अवसर पर चार दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष की भाँति इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ आयोजित करायेंगे। जिसमें सभी का सहयोग जरूरी है। अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड के उपाध्यक्ष मौलाना मो0 साबिर क़ासमी ने अपने सम्बोधन में कहा कि इन चार दिवसीय कार्यक्रम की दीनी व क़ौमी एतेबार से बड़ी एहमियत है। इन चार दिवसीय कार्यक्रम में 11 रबीउल अव्वल को बाद नमाज़ इशा मदरसों के छात्रों के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जिसमें छात्र किरत, नात, तक़रीर व मुकालमा प्रस्तुत करते हैं, 12 रबीउल अव्वल को दिन में जुलूस मदहे-सहाबा रजि0 निकाला जाता है, 13 रबीउल अव्वल को बाद नमाज़ इशा उलमाए-किराम की तक़रीर होती हैं और 14 रबीउल अव्वल को बाद नमाज़ इशा ऑल इण्डिया मुशायरा नात व मदहे-सहाबा रजि0 होता है। मुफ़्ती मो0 नजीब क़ासमी ने अपने सम्बोधन में कहा कि दीनी कार्यक्रम हमारी क़ौम और मिल्लत के लिए बहुत ज़रूरी हैं, 12 रबीउल अव्वल को निकलने वाले जुलूस में शामिल अंजुमनें मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की शान में नात पढ़ती हैं, आक़ा और उनके जाँनिसार सहाबा की तारीफ करती हैं। जेली सीरत कमेटी के सचिव मो0 शाकिर बहलीमी ने कहा कि ये कार्यक्रम साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाने में अपनी बहुत एहम भूमिका निभाते हैं। इन कार्यक्रमों में प्रत्येक व्यक्ति को अपना सहयोग देना चाहिए, यदि किसी को कहीं पर कोई बात समझ में नहीं आती है तो अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड के पदाधिकारियों या सीरत कमेटी के पदाधिकारियों से सम्पर्क कर सकता है। अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड के अध्यक्ष मो0 असलम एडवोकेट ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सभी को यह चार दिवसीय कार्यक्रम अमन और शान्ति के साथ सम्पन्न कराना है। जुलूस में इस बार बच्चियों की अंजुमनों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है। अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड की प्रबंधकारिणी समिति की ओर से जुलूस की निगरानी के लिए वॉलेंटियर बनाए जाएँगे। अंजुमन मुस्लिम आना फण्ड की प्रबन्ध समिति जुलूस में शिरकत करने वाली अंजुमनों के सदर व सेक्रेटरी के साथ बैठक करके विचार विमर्श करेगी, ताकि जुलूस में कहीं किसी को कोई दिक़्क़त पेश न आए। मीटिंग का समापन मौलाना मो0 साबिर क़ासमी की दुआ पर हुआ। इस अवसर पर डॉ0 रियाजुद्दीन, अतीक अहमद, हाजी शेख मुतिउल्लाह, हाजी एजाज़ अहमद अंसारी, मो0 कफील, अज़ीज़ुर्रह्मान, हाजी नसीरुद्दीन, मो0 सलमान अंसारी, मो0 आकिल राजा, मो0 अनवर एडवोकेट, हाजी नूरुल हसन खां, पत्रकार जावेद अख़तर, मुकीतुर्रह्मान, नूर मियाँ, राशिद अली, मो0 सुहैल, मो0 सनी, जावेद यूसुफ, शादाब अनवर, हस्सान साहिर, मो0 अनस सलमानी आदि लोग उपस्थित रहे।

اس خبر کو اردو میں پڑھنے کے لیے کلک کریں

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *