7 दिसंबर 2016 को Google ने अब्दुर्रहमान अल सूफी की 1113 वीं सालगिरह मनाई थी और पूरे दिन गूगल पेज पर उनकी तस्वीर रखी गई थीयह अब्दुर्रहमान अल सूफी कौन थे?
अब्दुर्रहमान अल सूफी जिन्हें माडर्न साइंस Azophi या Alzophi arabus के नाम से जानती है यह 9 मशहूर मुस्लिम खगोल वैज्ञानिकों में से एक हैं बल्कि इतिहासकार George sarton ने इन्हें सब से महान् मुस्लिम खगोल वैज्ञानिक कहा है खगोल विज्ञान के साथ साथ यह गणितज्ञ की हैसियत से भी मशहूर हुए थे नेवीगेशन, नक्शा बनाने और क़िब्ला का पता लगाने में इनका योगदान उल्लेखनीय है
यूनानी खगोल वैज्ञानिकों की किताबों का अरबी भाषा में तर्जुमा भी किया और खुद भी कई किताबें लिखीं जिनमें Book of fixed stars ( كتاب الكواكب الثابتة ) बहुत मशहूर हुई कुछ लोगों ने इसे किसी भी मुस्लिम खगोल वैज्ञानिक द्वारा लिखी गई सबसे अच्छी किताब माना है
7 दिसंबर 903 में ईरान की राजधानी तेहरान के पास अलरे नामक स्थान में पैदा हुए और 25 मई 986 को शीराज़ में इनका इंतेकाल हो गया मरने के समय इनकी आयु 83 वर्ष की थी
अब्दुर्रहमान अल सूफी इस्फहान के सुल्तान अज़दुदौला अल बोयही के दोस्त थे सुल्तान ने ईरान के नगर शीराज़ में इनके लिए उस समय की उपलब्ध सुविधाओं से लैस एक बेधशाला observatory तैयार किया जहां रह कर अपने रिसर्च कार्यों में व्यस्त रहते थे
अल सूफी विश्व के दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने धरती को गोल कहा इन्होंने 48 तारों पर एक किताब लिखी जिसमें हर एक के माप विशेषताओं पर विस्तार पूर्वक लिखा जो जानकारियां दीं वह बहुत ही सटीक दीं
Large magellanic cloud को चिन्हित किया जिसे यूरोपीय वैज्ञानिक सोलहवीं शताब्दी में जा कर चिन्हित कर सकें यह बादल इस्फहान या शीराज़ से नहीं दिखते थे इसके लिए यह यमन गए
Astrologers के प्रयोग पर किताब लिखी जिस में उसके प्रयोग के 1000 तरीके बताए हैं
ईरान सरकार सन 2006 से हर वर्ष अब्दुर्रहमान अल सूफी पर विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम करती है