बाराबंकी

फतेहपुर में नवासा-ए-रसूल हज़रत इमाम हुसैन रज़ि० की अकीदत और मोहब्बत में बड़े ही अदब और एहतिराम के साथ दसवीं मोहर्रम के निकाले गये जुलूस

बाराबंकी(अबू शहमा अंसारी)। नवासा-ए-रसूल हज़रत इमाम हुसैन रज़ि0 की अकीदत और मोहब्बत में बड़े ही अदब और एहतिराम के साथ दसवीं मोहर्रम के जुलूस निकाले गये। मालूम हो कि क़स्बा फतेहपुर में माहे-मोहर्रम में मजलिसों और जलसों का एहतिमाम शिया और सुन्नी मुसलमान अपनी अपनी अकीदत के ऐतेबार से करते हैं जहाँ उलमाए-किराम अवाम से मुख़ातिब होते हुए क़ुरआन और हदीस की रौशनी में ख़िताब फरमाते हैं। नवीं मोहर्रम को हज़रत इमाम हुसैन रजि0 की याद में रात को ताज़िये रखे जाते हैं और दसवीं मोहर्रम को उन्हें लोग कर्बला जाकर दफन करते हैं।
फतेहपुर में बड़ा इमाम बाड़ा महल से शिया मुसलमानों का तारीखी जुलूस हसन इब्राहीम के नेतृत्व में सट्टी बाजार रोड, मुंशीगंज रोड, जामा मस्जिद रोड, ब्राह्मणी टोला, फ़ैयाजपूरा रोड होता हुआ कर्बला पहुंचा। जहाँ अज़ादारों ने मातम और मर्सियाख़्वानी की और ताज़ियों को बड़ी अकीदत और एहतिराम के साथ दफन करकिया।
इसके अलावा निकट मस्जिद दरोगा हुसैन मोहल्ला नालापार दक्षिणी से सय्यद शाहिद हुसैन नईमी उर्फ गग्गा मियाँ के नेतृत्व में दसवीं मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। जुलूस में अकीदतमंदों ने हज़रत हुसैन रजि0 की शान में नोहाख़्वानी करते हुए मातम किये। मोहल्ला काजीपुर-2 बड़ी चौक से हाजी छेदा और रज़ा-ए-मुस्तफा के सदर मोहम्मद नसीम के नेतृत्व में बुढ़वा बाबा ताज़िया उठाए गए और जुलूस निकाला गया। सभी जलूसों का समापन कर्बला में हुआ।
इस अवसर पर हसन ज़हीर काज़मी, इजलाल मेंहदी, हसन रज़ी, हसन तक़ी, अस्करी काज़मी, सुल्तान काज़मी, आज़ाद काज़मी, अबुल फ़ज़ल, सय्यद हसन नईमी, सय्यद हुसैन अज़हर नईमी, सय्यद कलीम वाजिद नईमी, सय्यद अली अज़हर नईमी, सय्यद अहमद नईमी, सय्यद रेहान शाहिद नईमी, सय्यद इमरान शाहिद नईमी, सय्यद शाहबाज़ हुसैन नईमी, सय्यद शहज़ाद हूसैन नईमी, तजम्मुल हुसैन, मोहम्मद अलीम, मोहम्मद शादाब, हसन मोहम्मद, इब्राहीम, हाजी नुरुल हसन खां, शम्मे खां, सुहैल, शनि आदि लोग उपस्थित रहे।

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