गोरखपुर। इस रविवार को पड़ने वाले ईद मिलादुन्नबी त्योहार की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर की तमाम मस्जिदें रंगबिरंगी लाइटों व इस्लामी झंडों से सजाई जा रही हैं। मुस्लिम बाहुल्य गली मोहल्लों को इस्लामी झंडों व रंगबिरंगी झंडियों से सजाने की तैयारी चल रही है। शनिवार को ईद मिलादुन्नबी त्योहार की पूर्व संध्या पर जगह-जगह महफिल व जलसे होंगे। रविवार की सुबह से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जाएगा। जिसका सिलसिला देर रात तक चलता रहेगा।
ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाले जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान अकीदतमंदों के जरिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले इस्लामी झंडे, बिल्ले, अमामा शरीफ, रंगबिरंगी झंडिया, बैज आदि की बिक्री तेज हो गई है। शहर के अलग-अलग बाजारों में जुलूस-ए-मोहम्मदी से संबंधित सामानों की बिक्री जोर-शोर से जारी है। सजावटी सामनों के लिए मशहूर नखास चौक इन दिनों इस्लामिक झंडों, रंगबिरंगी झंडियों और बैनरों से पटा पड़ा है। यहां की दुकानों में पांच रूपये से लेकर डेढ़ सौ रूपये तक के झंडे, बैनर व अन्य सजावटी सामान उपलब्ध है। नखास पर जमाल बुक डिपो आदि पर जुलूस-ए-मोहम्मदी में इस्तेमाल होने वाले सामानों की बिक्री का सिलसिला जारी है। अली अहमद अत्तारी, मोहम्मद अख़्तर आलम, अली गज़नफर शाह ने बताया कि अन्य जिलों से भी लोग गोरखपुर खरीदारी करने आ रहे हैं। ईद मिलादुन्नबी करीब होने की वजह से बिक्री में तेजी है। वहीं जुलूस में शामिल होने वाले प्रसिद्ध मस्जिदों व मकबरों के मॉडल बनाने के काम में तेजी आ गई है।
नायब काजी मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने बताया कि हज़रत आदम अलैहिस्सलाम से लेकर आखिर रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तक जितने भी नबी व रसूल इस दुनिया में आये, वह सब इंसानों को तौहीद, एकता और इंसानियत की दावत देने के लिए आए। आख़िरी रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्ल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए। आपने इंसानों को उसके हकीकी मालिक से मिलाया। रसूल-ए-पाक पर नाज़िल होने वाली किताब कुरआन-ए-पाक भी एक विशेष क़ौम व मिल्लत के लिए नहीं बल्कि उसमें सभी इंसानों के लिए अल्लाह का संदेश है व हिदायत है। ईद मिलादुन्नबी त्योहार में सभी को शामिल करें। अमन शांति से त्योहार मनाएं। मोहब्बत का पैग़ाम करें। जलसा, महफिल-ए-मिलादुन्नबी के जरिए रसूल-ए-पाक की तालीम को आम करें।