राजस्थान

देशवासियों के दुख दर्द का साथी है ग़ौसे आज़म फाउंडेशन: फादर विजय पोल सिंह

  • किसी को चंदा देने से बेहतर यह है कि अपनी मेहनत की कमाई अपने ही हाथों से ख़ुदा की राह में लगाया जाए ताकि आपका पुरा पैसा राहे ख़ुदा में लग जाए। ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के ट्रस्टी, सदस्य और सहयोगी ऐसा ही करते हैं और वे फाउंडेशन के बैनर तले लगातार हक़ीक़ी ज़रूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। आप भी ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के सदस्य बनकर अपनी कमाई को अपने हाथों ही से ख़ुदा की राह में लगाएं : मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी

जयपुर। झोटवाड़ा स्थित श्री रामपुरी कॉलोनी में ग़ौसे आज़म फाउंडेशन (जीएएफ़) के प्रधान कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ख़लीलाबाद, उत्तर प्रदेश की एक हक़ीक़ी ज़रूरतमंद ग़रीब बच्ची को शादी के लिए 30 हज़ार 7 सौ 86 रूपये का चेक, 19 हज़ार 5 सौ रूपये का एक बेड, 5 हज़ार 4 सौ रूपये की एक अलमारी, 48 बर्तनों का एक सेट और एक दीवार घड़ी कार्यक्रम में मौजूद जयपुर शहर के कुछ ख़ास मेहमानों, समाजसेवियों और मीडिया मित्रों की मौजूदगी में जीएएफ़ के बस्ती मंडल के अध्यक्ष समाजसेवी मोहम्मद वक़ार अहमद को दिया गया ताकि सनद रहे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लिविंग क्रिश्चियन मूवमेंट फ़ैलोशिप चर्च, जयपुर के चेयरमैन फादर विजय पोल सिंह ने कहा कि ग़ौसे आज़म फाउंडेशन देशवासियों के दुख दर्द का साथी है। जीएएफ़ के चेयरमैन मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी के नेकियों के कामों को देखकर बहुत ही अच्छा लगा। ऐसे इंसान की हमें क़द्र करनी चाहिए और हौसला बढाते रहना चाहिए। फादर ने कहा कि हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम ग़रीबों की मदद किया करते थे। हमें उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए और समाज के दबे कुचले लोगों की मदद करते रहना चाहिए।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत के सेवानिवृत्त उप सचिव, मदन लाल वर्मा ने कहा कि ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के सभी उद्देश्य शानदार हैं। मुख्य तौर से धार्मिक भावनाओं को आहत करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यवाई करना मुझे अच्छा लगा। यह काम समय की मांग बन चुका है। नफ़रतों के सौदागरों का इलाज क़ानूनी तरीक़े से होना ही चाहिए।

एपीआई के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दशरथ हिनूनीया ने कहा कि मैं पिछले कुछ सालों से लगातार ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के कार्यक्रमों में शामिल हो रहा हूं। इसके सभी ट्रस्टी, सदस्य व सहयोगी निस्वार्थ भाव से समाज व देश की सेवाएं कर रहे हैं। मेरे क्षेत्र में भी ग़ौसे आज़म फाउंडेशन सर्दियों में चार बार विशाल निशुल्क कम्बल कैम्प लगा चुका है। फुटपाथों, रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन आदि अनेकों जगहों पर मैं भी कई बार फाउंडेशन की टीम के साथ खाना, पानी कंबल बांटने के लिए जा चुका हूं। पांच बार विशाल निशुल्क मेडिकल कैम्प भी लगा चुका है। दोनों लॉकडाउन में फाउंडेशन ने जिस तरह से लोगों की सहायता किया था वह लाजवाब था। ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के कामों की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है।

रिटायर्ड डिप्टी एसपी, हरिनारायण मौर्य, विशेष गरिमा अख़बार के सम्पादक डॉक्टर सुरेन्द्र शर्मा, जनतंत्र अख़बार के सम्पादक गोपाल शर्मा, पत्रकार जेपी शर्मा, बस्ती मंडल के अध्यक्ष समाजसेवी मोहम्मद वक़ार अहमद, जयपुर फर्नीचर के मालिक अब्दुर्रशीद आदि ने भी ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के कामों की प्रशंसा किया। कार्यक्रम में मोहम्मद ख़ालिद सैफुल्लाह, सुनिल इज़ बैक फर्म के मालिक, मोहम्मद वसीम कुरैशी, धीरज सैनी, विजय कुमार, इमामुद्दीन दुध वाले, मोहम्मद ओसामा सैफुल्लाह, मोहम्मद सिद्दीक़, मोहम्मद ईसार अहमद, मोहम्मद शादाब अहमद, मोहम्मद जुनैद, राजेन्द्र पटोदिया, प्रकाश शर्मा, सबीहा सैफुल्लाह, हिना कौसर, शिफ़ा बानो आदि भी मौजूद थे।

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