लेखक: अ़ब्दे मुस्तफ़ा हज़रते सुल्तानुल आरिफीन, सुल्तान बाहू रहीमहुल्लाह त’आला ज़मीन (खेत) में हल चला रहे थे कि हिन्दुओं की एक बारात का वहां से गुज़र हुआ जो अपना रास्ता भूल चुकी थी।उस बारात को क़रीब के एक गांव अहमदपुर जाना था, उन्होने आप अलैहिर्रहमा से पूछा कि हमें अहमदपुर जाना है, रास्ता किधर से […]