फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ऐ नए साल बता, तुझमें नयापन क्या हैहर तरफ़ ख़ल्क़ ने क्यूँ शोर मचा रक्खा है! रौशनी दिन की वही, तारों भरी रात वहीआज हमको नज़र आती है हर इक बात वही! आसमाँ बदला है, अफ़सोस, ना बदली है ज़मींएक हिंदसे का बदलना कोई जिद्दत तो नहीं! अगले बरसों की तरह होंगे […]