20, रकअत तरावीह पर जमहूर का क़ौल है और उसी पर अमल है इमाम तिर्मिज़ी रहमातुल्लाही तआला अलैह फ़रमाते हैं:कसीर उल्मा का इसी पर अमल है जो हज़रत मौला अली, हज़रत फ़ारूक़े आज़म और दीगर सहाबा रज़िअल्लाहू अन्हुम से 20. रकअत तरावीह मनक़ूल है।और सुफ़ियान सूरी, इब्ने मुबारक और इमाम शाफ़ई रहमातुल्लाहि तआला अलैहिम भी […]