अब फ़क़त शोर मचाने से नहीं कुछ होगा।सिर्फ होठों को हिलाने से नहीं कुछ होगा।। ज़िन्दगी के लिए बेमौत ही मरते क्यों हो।अहले इमां हो तो शैतान से डरते क्यों हो।। तुम भी महफूज़ कहाँ अपने ठिकाने पे हो।बादे अखलाक तुम्ही लोग निशाने पे हो।। सारे ग़म सारे गिले शिकवे भुला के उठो।दुश्मनी जो भी […]