धार्मिक सामाजिक

मरीज़ की इयादत को जाना

सबसे पहले इयादत का माना समझ लें ताकि पोस्ट समझने में कोई दुशवारी न हो ”इयादत” के माने होते हैं कि बीमार की ख़बर पूछना यानि मरीज़ का ह़ाल ख़ैरियत पूछने जाना (फिरोज़ुल लुगत सफह 907) इस में कोई शक नहीं कि सेह़त और बीमारी ज़िन्दगी का एक ह़िस्सा हैं कभी इंसान भरपूर सेह़त से […]