ना समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दी मुसलमानोंतुम्हारी दास्तां भी ना होगी उन दास्ता़नों में रिवायत – हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम इरशाद फरमाते हैं कि दोज़ख लज़्ज़तो में छिपा है और जन्नत परेशानियों में रिवायत – एक मर्तबा हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम से पूछा कि मैंने कभी हज़रत मीकाईल […]