धार्मिक

जमाअत से नमाज़ पढ़ना

लेखक: मह़मूद रज़ा क़ादरी हर समझदार, बालिग़ और क़ादिर (Capable) पर जमाअत वाजिब है बिना किसी मजबूरी के एक बार भी छोड़ने वाला गुनाहगार और सज़ा का हक़दार है। जो शख़्स अज़ान सुनकर घर में इक़ामत का इंतज़ार करे वह गुनाहगार है और उसकी गवाही क़ुबूल नहीं की जायेगी। अल्लाह के रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि […]