हजरत मखदूम अशरफ जहांगीर समनानी रहमतुललाहअलेह जब युपी पहुँचे तब देखा वहा कुफ्रियत फैली हुवी थी एक गाव पहुचे और खाना मांग ने के लिए एक बूढीया के घर पहुचे देखा बुढीया जारो कतार रो रही थी आपने रोने की वजह पूछी बुढिया ने कहा यहा पर हमारे भगवान की पचास फुट ऊंची मूर्ति है […]