गोरखपुर। ईदगाह रोड मस्जिद बेनीगंज में अमीरुल मोमिनीन हज़रत सैयदना उमर फ़ारुक़े आज़म रदियल्लाहु अन्हु के शहादत दिवस पर इसाले सवाब की महफिल हुई। क़ुरआन ख़्वानी व फातिहा ख़्वानी की गई।
मस्जिद के इमाम कारी मो. शाबान बरकाती व मुफ़्ती मो. अज़हर शम्सी (नायब काजी) ने हज़रत सैयदना उमर की जिंदगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि हिजरत के बाद मदीना दीन-ए-इस्लाम का एक नया केन्द्र बन चुका था। हज़रत उमर ने हिजरी इस्लामी कैलेंडर का निर्माण किया जो दीन-ए-इस्लाम का पंचांग कहलाता है। हज़रत उमर असाधारण इच्छा शक्ति, बुद्धि, राजनीतिक, निष्पक्षता, न्याय और गरीबों और वंचितों लोगों के लिए देखभाल के लिए अच्छी तरह से जाने जाते थे। हज़रत सैयदना अबू बक़्र को पूरी तरह से हज़रत सैयदना उमर की शक्ति और उनके सफल होने की क्षमता के बारे में पता था।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर अमनो अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। महफिल में शमीम अहमद, कारी मोहम्मद अनस, अकबर अली, लल्लन, शम्स अत्तारी, अब्दुर्रहीम, सैयद शाकिब, समीउल्लाह, तालिब, ताबिश सहित तमाम अकीदतमंदों ने शिरकत की।