गोरखपुर। दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद नार्मल स्थित तंज़ीम उलमा-ए-अहले सुन्नत की चांद कमेटी द्वारा माहे मुहर्रम का चांद शुक्रवार 29 जुलाई की शाम में देखा जाएगा। यह जानकारी मुफ्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने दी है। उन्होंने बताया कि चांद नज़र आ गया तो माहे मुहर्रम शनिवार 30 जुलाई से शुरू हो जाएगा और 10वीं मुहर्रम यानी यौमे आशूरा 8 अगस्त को होगी। चांद नहीं दिखा तो माहे मुहर्रम रविवार 31 जुलाई से शुरू होगा और यौमे आशूरा 9 अगस्त को पड़ेगी। माहे मुहर्रम का चांद दिखते ही नए इस्लामी साल का आगाज़ होगा। इसी के साथ 1444 हिजरी शुरू हो जाएगी। हिजरी सन् का आगाज माहे मुहर्रम से ही होता है। मुहर्रम की दस तारीख को पैग़ंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्यारे नवासे हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों को जालिमों ने शहीद कर दिया था। मुहर्रम में उस अज़ीम कुर्बानी को शिद्दत से याद कर अकीदत का नज़राना पेश किया जाता है।
अमनो अमान कायम रखने में मददगार बनें
गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि हज़रत सैयदना इमाम हुसैन व उनके साथियों ने बेमिसाल कुर्बानी पेश की। मुहर्रम हमें सब्र का पैग़ाम देता है। शरीअत के दायरे में रह कर इसाले सवाब करें। एक दूसरे की मदद करें। कर्बला के शहीदों की याद में कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी करें। गरीबों व फकीरों की हाजत पूरी करें, उनको खिलाना पिलाना सवाब है। पौधा रोपण करें। पर्यावरण को हरा भरा करें। कर्बला के शहीदों की याद में महफ़िल का एहतमाम करें। नेकी की दावत आम करें। अमनो शांति कायम रखने में प्रशासन की मदद करें।