गोरखपुर। मौसम साफ न होने की वजह से जिलहिज्जा माह का चांद जिले में नहीं दिखा। देश के अन्य प्रदेशों से चांद की तस्दीक होने के बाद तंज़ीम उलमा-ए-अहले सुन्नत की चांद कमेटी के मुफ्ती खुर्शीद अहमद मिस्बाही (काजी-ए-शहर) मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर), मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी (नायब काजी) व मुफ्ती मुनव्वर रज़ा ने ऐलान किया कि जिलहिज्जा की पहली तारीख शुक्रवार 1 जुलाई को होगी। रविवार 10 जुलाई को ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर्व अकीदत व रवायत के मुताबिक मनाया जाएगा। वहीं 10, 11 व 12 जुलाई को लगातार तीन दिन तक कुर्बानी की जाएगी। उलमा किराम ने पर्व में अमन, शांति व भाईचारा बनाए रखने और साफ सफाई का खास ख्याल रखने की अपील की है।
40 हजार रुपये के हैं मालिक तो कुर्बानी वाजिब : मुफ्ती मेराज
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने बताया कि कुर्बानी करने का हुक्म क़ुरआन-ए-पाक में दिया हुआ है। कुर्बानी करना वाजिब है। कुर्बानी हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है। जो इस उम्मत के लिए बरकरार रखी गई है और पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को इसका हुक्म दिया गया है। इस पर्व में हर वह मुसलमान जो आकिल, बालिग, मुकीम, मर्द, औरत जो कुर्बानी के तीनों दिन के अंदर जरुरते अस्लिया को छोड़कर, कर्ज से फारिग होकर तकरीबन 40 हजार रुपया का मालिक हो जाए तो उसके ऊपर कुर्बानी वाजिब है। इसी वजह से हर मुसलमान इस दिन कुर्बानी करवाता है। ईद-उल-अजहा पर्व 10 जुलाई को परंपरा व अमन शांति के साथ मनाया जाएगा। मुसलमानों द्वारा 10, 11 व 12 जुलाई को कुर्बानी की जाएगी।