मदरसा आधुनिकीकरण के शिक्षकों का 55 माह का मानदेय बकाया
गोरखपुर। मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत तैनात मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों पर दोहरी मार पड़ रही है। करीब 55 माह से अधिक का मानदेय बकाया है जिनका भुगतान अब तक केंद्र से नहीं मिला है। एक अप्रैल 2021 से सितम्बर 2021 तक का कुछ केंद्रांश मार्च माह में मिला जिसका वितरण जिले से कर दिया गया लेकिन 10 मदरसो के 30 शिक्षकों का मानदेय उनका यू डायस कोड की वजह से अब तक नहीं मिल सका है।
मार्च माह में योजना के अंतर्गत गोरखपुर जिले में 107 मदरसो में स्नातक के 47 और स्नातकोत्तर के 266 शिक्षको के मानदेय के बजट मिला। स्नातक शिक्षकों के लिए 58797 रुपये और स्नातकोत्तर शिक्षकों के लिए 10,141,250 रुपये मिला कुल 10,200,047 रुपये का बजट मिला। इसका भुगतान कर दिया गया लेकिन 10 मदरसो के 30 के करीब शिक्षक आज भी इस अवधि के बजट का इंतजार कर रहे हैं। उनका यू डायस कोड के अभाव में बजट जिले को नहीं मिला। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक मोहम्मद आज़म कहते हैं कि केंद्र सरकार का रवैया हम शिक्षकों के प्रति बहुत खराब है। साढ़े चार सालों का मानदेय बाकी है लेकिन भुगतान करने में लापरवाही बरती जा रही है। मदरसा आधुनिकीकरण योजना से आच्छादित मदरसों की इससे पहले भी कई बार जांच हो चुकी है।
‘‘मार्च में जितने शिक्षकों के लिए बजट जारी हुआ, उन सभी को धनराशि दे दी गई है। यू डायस कोड मिसमैच होने के कारण 30 शिक्षकों का बजट ही जिले को नहीं मिला, इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।’’
आशुतोष कुमार पाण्डेय, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
मदरसा आधुनिकीकरण योजना से आच्छादित 154 मदरसों की हो रही जांच
उधर शासन के निर्देश पर मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत आच्छादित गोरक्षनगरी के 154 मदरसों की जांच हो रही है। जांच कमेटी को 15 मई तक जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपनी है। इस जांच में मदरसों की भूमि, भवन, मान्यता आदि दस्तावेज की जांच की जा रही है। शहर क्षेत्र में उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में नगर निगम के जेई व नगर शिक्षा अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्र में उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में विकास खंड जेई व खंड विकास अधिकारी मदरसों की जांच कर रहे हैं।