मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर) ने मुस्लिम समुदाय से अपील करते हुए कहा कि ईद आपसी भाईचारे व मोहब्बत का पर्व है। अमनो अमान के साथ ईद-उल-फ़ित्र का पर्व मनाएं। ईद की ख़ुशियों में सभी को शामिल करें। गले मिलें, हाथ मिलाएं। मुबारकबाद पेश करें। शरीअत के मुताबिक ज़िंदगी गुजारें। माहे रमज़ान ने हमें कामयाबी का रास्ता दिखा दिया है अब हमारी जिम्मेदारी है कि उस पर मजबूती के साथ चलकर दुनिया व आख़िरत संवारें। ईद अल्लाह की तरफ से मोमिन बंदों के लिए ईनाम है इसलिए हर एक से प्यारो मोहब्बत बांटें। ग़रीब, मोहताज, मुसीबतजदा व बीमार का ख्याल रखें इसी में अल्लाह की रज़ा है। मुल्क में सुख, शांति, समृद्धि, नफरतों के खात्मे, जुल्म व ज्यादती से हिफाज़त की दुआ मांगें।

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार के इमाम हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि ईद की ख़ुशियों में सबको शामिल कर नमाज़ की पाबंदी करें। शरीअत पर चलकर दीन व दुनिया संवारें।हकदार ग़रीबों, यतीमों, फकीरों की जकात व फित्रा से मदद करें। बुराईयों से दूर रहें। नाम के मुसलमान न बनें बल्कि क़ुरआन व हदीस के मुताबिक मुसलमान बनें। ईद तो दरअसल उन खुशनसीब मुसलमानों के लिए है जिन्होंने माहे रमज़ान को रोज़ा, नमाज़ और दीगर इबादतों में गुजारा। तो यह ईद उनके लिए अल्लाह की तरफ से मजदूरी मिलने का दिन है। अमनो सलामती के साथ ईद मनाएं। मुल्क में आपसी भाईचारा, मोहब्बत, प्रेम, सुख, शांति की दुआ मांगें।
