गोरखपुर । मामला तिवारीपुर थाने का है। चर्चा है कि दरोगा ने पारिवारिक विवाद में खुद को गोली मारकर अपनी जान ली है।
थाने में तैनात दारोगा हरेंद्र प्रताप सिंह को शनिवार की सुबह आवास में रहस्यमय स्थिति में गोली लग गई। गोली चलने की आवाज सुनकर पहुंचे पुलिसकर्मी और थानेदार जमीन पर खून से लथपथ पड़े दारोगा को मेडिकल कालेज ले गए जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
2017 बैच के दारोगा 30 वर्षीय हरेंद्र प्रताप सिंह अयोध्या जिले के रहने वाले थे। एक साल से उनकी तैनाती तिवारीपुर थाने में बतौर सेकेंड अफसर थी। थाना परिसर में स्थित सरकारी आवास में ही हरेंद्र रहते थे। आज सुबह तकरीबन छः बजे बजे थाने में तैनात पुलिसकर्मी घंटाघर से निकलने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा में ड्यूटी करने के लिए निकल रहे थे। इसी दौरान सरकारी आवास की तरफ गोली चलने की आवाज सुनाई दी। सिपाहियों के साथ थानेदार राजेन्द्र प्रताप सिंह पहुंचे तो दारोगा हरेंद्र प्रताप सिंह अपने आवास में फर्स पर खून से लथपथ पड़े थे। कमरे में ही उनकी सरकारी पिस्टल पड़ी थी। सरकारी जीप से ही अचेतावस्था में हरेंद्र को थानेदार मेडिकल कालेज ले गए जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी होते ही एसएसपी डॉ. विपिन ताडा, एसपी सिटी सोनम कुमार फोर्स के साथ मेडिकल कालेज पहुंच गए और थानेदार से घटना की जानकारी ली। प्रभारी निरीक्षक तिवारीपुर राजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दारोग़ा को गोली कैसे लगी इसकी जांच चल रही है।