बरेली

होली में बिना ज़रूरत बाहर न निकले मुसलमान

गुनाहों से निजात (छुटकारे) की रात है शब-ए-बरअत

देश भर में 18 मार्च जुमा को शबे बरअत का त्योहार मनाया जाएगा। वही 17 और 18 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। आज दरगाह पर शबे बरअत की फ़ज़ीलत बयान करते हुए सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मिया) ने कहा कि शबे बरअत का मतलब होता है छुटकारे की रात यानि गुनाहों से निजात की रात है। मज़हब-ए-इस्लाम मे इस रात की बड़ी अहमियत बयान की गई है। हदीस शरीफ में आया है कि शाबान की 15 वी शब (रात) को क़याम (इबाद) करो और इसके दिन का रोज़ा रखो। ये रात बड़ी रहमत व बरकत वाली रात है। इस दिन मुसलमान अल्लाह की ज़िक्र कसरत के साथ करे, क़ज़ा व नफिल नमाज़,रोज़ा,तस्बीह व कुरान की तिलाबत करे।
*मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने होली के मद्देनजर उन मस्जिदों के इमामों व मुतावलियो से अपील की है कि जहाँ मस्जिदे मिली जुली आबादी में है और वहाँ जुमा की नमाज़ साढ़े बारह या एक बजे अदा की जाती है, तो उन मस्जिदों में नमाज़-ए-जुमा का वक़्त आधा या एक घंटा बड़ा दे।*
*मुफ्ती सलीम नूरी ने कहा कि इस दिन मुसलमान कब्रिस्तान अपने बुजुर्गो की कब्र पर फातिहा पढ़ने जाते है। दरगाह व मज़ारों पर हाज़री देते है। साथ ही उन्होंने सभी मुसलमानो से अपील करते हुए कहा कि होली के दिनों में बिना ज़रूरत घर से न निकले और उन रास्तों से जाने से ख़ुसूसन परहेज़ करे जहाँ होली खेली जा रही है। दोनों मज़हब के लोग एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखें।*

नासिर कुरैशी
मीडिया प्रभारी
9897556434

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *