गोरखपुर चुनावी हलचल बस्ती

गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 में से 34 सीटों पर भाजपा की जीत, दो सीट का नुक़सान

गोरखपुर। यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास बनाया है। भाजपा ने सत्ता में रहते हुए गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 सीटों में से 34 सीटें जीत ली हैं। कांग्रेस को फिर सिर्फ एक सीट मिली है। हालांकि वर्ष 2017 में इकलौती सीट जीतने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू खुद चुनाव हार गए हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में दोनों मंडलों में एक ही सीट से संतोष करने वाली सपा को इस बार छह सीटें मिल रही हैं। बसपा वर्ष 2017 में मिली अपनी एक जीत भी बकरार नहीं रख पाई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में भाजपा ने विधानसभा चुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल में जबरदस्त सफलता हासिल की है। गोरखपुर जिले की सभी नौ सीटें भाजपा ने जीत ली है। वर्ष 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को गोरखपुर में कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, चौरीचौरा, सहजनवा, बांसगांव और खजनी आठ सीटों पर जीत मिली थी।

एक मात्र चिल्लूपार सीट पर भाजपा हार गई थी। यहां से बसपा के टिकट पर विनय शंकर तिवारी चुनाव जीते थे। हालांकि विनय शंकर तिवारी इस बार सपा के टिकट पर मैदान में थे जिन्हें भाजपा के राजेश त्रिपाठी ने हरा दिया है। कैम्पियरगंज से पूर्व मंत्री फतेहबहादुर, पिपराइच से महेंद्र पाल सिंह, गोरखपुर ग्रामीण से विपिन सिंह भाजपा के टिकट पर दुबारा जीत गए हैं।

पार्टी ने चौरीचौरा, सहजनवा और खजनी में प्रत्याशी बदल दिया था। सहजनवा से प्रदीप शुक्ला, खजनी से श्रीराम चौहान और चौरीचौरा से सरवन निषाद विधायक बन गए हैं। भाजपा ने महराजगंज जिले की 5 में से 4 सीटें जीत ली हैं। जिले की फरेंदा सीट कांग्रेस ने जीत ली है। कुशीनगर की सभी 7 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। सपा के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्या चुनाव हार गए हैं। देवरिया की सभी सात सीटें भी भाजपा ने जीत ली है। रुद्रपुर से कांग्रेस के अखिलेश सिंह भी चुनाव हार गए हैं।

वर्ष 2017 के चुनाव के मुकाबले इस बार बस्ती मंडल में भाजपा को थोड़ा झटका लगा है। बस्ती जिले की सभी पांच सीटें वर्ष 2017 में भाजपा ने जीती थी। इस बार उसे 2 सीटें ही मिली हैं। सपा ने जिले की 3 सीटें जीत ली हैं। पिछली बार सिद्धार्थनगर की पांचों सीटें भाजपा जीती थी लेकिन इस बार दो सीटें सपा ने छीन ली है।

संतकबीरनगर जिले की तीन सीटें वर्ष 2017 में भाजपा के पक्ष में गई थीं। इस बार भी तीनों सीटें (खलीलाबाद, मेंहदावल व धनघटा) भाजपा ने जीत ली है। गोरखपुर-बस्ती मंडल में वर्ष 2017 के चुनाव की तुलना में इस बार भले ही दो सीटें कम मिली हैं लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस बार इतिहास बनाया है। आजादी के बाद से यह पहली बार हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार में रही और दुबारा चुनाव में उसे दोनों मंडलों में इतनी सीटें मिली हों।

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