अंतरराष्ट्रीय मुंबई

सुन्नी बिलाल मस्जिद में उलेमाओं की बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध तत्काल समाप्ति पर दिया ज़ोर

मुंबई: रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव और युद्ध जैसी स्थिति के बीच, मुंबई में सुन्नी मस्जिद बिलाल में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई और युद्ध के कारण मानव जीवन के नुकसान और संसाधनों की बर्बादी पर शोक व्यक्त किया। आल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा के अध्यक्ष सैयद मोइन मियां अशरफी अल जिलानी ने विभिन्न उलेमाओं, इमामों और बुजुर्गों की उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की।

अपने अध्यक्षीय भाषण में हजरत सैयद मोइन मियां अशरफी अल जिलानी ने कहा किभारत में सांप्रदायिक ताकतें अल्पसंख्यकों को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन विभिन्न बहानों से मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है। जिससे देश का मुसलमान परेशान है। उन्होने कहा कि इस्लाम मानवता सिखाता है, शांति और सुरक्षा की स्थापना सिखाता है, युद्ध और कलह को रोकता है, इसलिए भारत के मुसलमान दुनिया के किसी भी कोने में रक्तपात और युद्ध को देखने के बाद चुप नहीं रहते। उन्होंने देश सहित विश्व शांति की बहाली के लिए दुआ की।

रजा एकेडमी के संस्थापक अलहज मुहम्मद सईद नूरी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर इंसान का जीवन अनमोल है और इसे बचाने के लिए तत्काल कदमों की जरूरत है। उन्होंने भारत सरकार से दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाने और रूस और यूक्रेन के बीच सुलह के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि रूस को अपने आक्रामक रुख को बंद करना चाहिए और मुद्दों को बातचीत की मेज पर सुलझाना चाहिए

इस मौके पर यह निर्णय लिया गया कि देश भर के मुसलमान शुक्रवार को अपनी मस्जिदों में देश में शांति और सुरक्षा और दुनिया में युद्ध की समाप्ति के लिए दुआ करेंगे। वहीं मौलाना अब्बास रिजवी ने कहा कि मध्य पूर्व इराक और अफगानिस्तान में थोपी गई जंग से सबक लेने की जरूरत है, युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं है, मुद्दों को कूटनीतिक स्तर पर सुलझाया जाना चाहिए। मौलाना ताजमल हुसैन नूरानी और अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किए हैं।

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