गोरखपुर के दरियाचक में जलसा
गोरखपुर। मोहल्ला दरियाचक में शनिवार देर रात हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ अलैहिर्रहमां की याद में जलसा हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से आगाज़ हुआ। नात-ए-पाक व मनकबत पेश की गई।
मुख्य वक्ता कारी हसनैन हैदर ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम ने औरत को समाज में एक बेहतरीन मुक़ाम अता करके उसकी इज़्ज़त में इज़ाफ़ा किया है। दीन-ए-इस्लाम में ख़्वातीन की बुलंदो बाला अज़मत है। दीन-ए-इस्लाम ने बेटी की बेहतरीन तरबियत पर जन्नत की खुशख़बरी, बेहतरीन बीवी को नेमत और माँ के क़दमों तले जन्नत कह कर औरत की अज़मत को बुलंदो बाला कर दिया है। माएं घरों में अपनी बच्चियों को इस्लामी माहौल पर अमल करने की तरफ़ राग़िब करें। अल्लाह और पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के तरीके पर कारबन्द रहने की तलक़ीन करें। लड़कियां दीनी तालीम के साथ आला असरी तालीम भी हासिल करें, मगर इस्लामी तहज़ीबो तमद्दुन को थामे रखें। माडर्न तालीम हासिल कराने से पहले बच्चों को कुरआन पढ़ना सिखाएं, दीन की जरूरी और अहम बातें सिखाएं, रहन-सहन के आदाब, बड़ों के साथ अदब व एहतराम का सुलूक, छोटों से प्यार से पेश आना, जरूरी तहजीब और तरबियत देना जरूरी है।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। लंगर बांटा गया। जलसे में दारैन इस्माईली, नूर मोहम्मद, हाफ़िज़ शाकिब रज़ा, इस्लाम, कारी कासिम आदि ने शिरकत की।