देश और राष्ट्र की ख़ुशहाली व तरक्क़ीके लिए की गई प्रार्थना।
मोतिहारी/बिहार/हमारी आवाज़ (आक़िब चिश्ती)
राज़दारे वहदत व हक़ीक़त , रहबरे राहे तरीक़त व मारफत हज़रत सूफी ताहिर मुहम्मद सलीम शाह कादरी चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह का 19 वां उर्स मुबारक बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। इस अवसर पर क़ुरआन ख्वानी, मिलाद ख़्वानी, चादर पोशी और गुल पोशी समारोह का आयोजन किया गया। और मह्फिले सेमा की विशेष सभा का भी आयोजन किया गया। जिस में फख्रे क़व्वाल असलम चिश्ती ने आरिफाना व रिन्दाना कलाम पेश किया गया।इस मौके पर ख़ानक़ाहे सलीमीया नबी दीनीया के गद्दी नशीन खादिम-उल-फकरा हज़रत सूफी वासी अहमद शाह चिश्ती ने कहा कि ये देश सूफी संतों का देश है और इन लोगों ने भारत की सभ्यता,अखण्डता की हिफाज़त की। औलियाए किरामअल्लाह के करीबी और निहायत नेक बंदे होते हैं। और वे अपने जीवन का हर पल अपनै मौला की रज़ा के लिए गुज़ारते हैं। धर्म, राष्ट्र और मानवता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाते हैं और गरीब व असहाय लोगों की मदद करते हैं। धार्मिक,जातिय भेद भाव से उपर उठ कर समाज व मानवता की सेवा करते हैं। जबकि हज़रत हाफ़िज़ सूफ़ी मुहम्मद इमाम अली शाह चिश्ती ने कहा कि हज़रत सूफ़ी ताहिर मुहम्मद सलीम चिश्ती का दरबार राष्ट्रीय एकता,अखण्ता,स्नेह प्रेम,भाई चारा का जीता जागता उदाहरण है। आज भी हज़ारों भक्त फैजान सलीमी पा रहे हैं। इस मौके पर पीरे तरीक़त हज़रत सुफी एहसान अली शाह चिश्ती, सूफी शफी अहमद शाह चिश्ती, जकी अहमद चिश्ती, रफी अहमद चिश्ती,मुफ्ती गुलाम गौस चिश्ती मिस्बाही, समी अहमद चिश्ती, मुहम्मद अमजद अली चिश्ती, मुहम्मद जमील अख्तर चिश्ती, मौलाना शर्फुद्दीन चिश्ती, मौलाना एजाज अहमद कादरी, सुफी तैय्यब हुसैन चिश्ती,अब्दुल हमीद चिश्ती, मुहम्मद यूसुफ चिश्ती, कासिद अली चिश्ती सहित हज़ारों भक्तों ने शिर्कत किया।


