प्रोग्रेसिव लिटरेरी एंड कल्चरल सोसाइटी (प्रयागराज) ने 18-20 दिसंबर को गूगल मीट ऑनलाइन प्लेटफार्म पर 3 दिवसीय काव्य गोष्ठी ‘इंडिया इंटरनेशनल मल्टीलिंग्वल पोएट्री फेस्टिवल’ का आयोजन किया। 18 दिसंबर को उद्घाटन सत्र की शुरुआत PLCS कोषाध्यक्ष डॉ रूचि मालवीय (असिस्टन्ट प्रोफेसर, एस एस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज, प्रयागराज) ने की। उन्होंने कार्यक्रम और संगठन की विस्तृत जानकारी दी। इसके बाद तुर्की की मुहसीने अरदा ने काव्य गोष्ठी के सदस्यों का परिचय दिया। इसमें देश विदेश के कई कलाकारों ने भाग लिया। विशेष अतिथि ‘मेलिसा स्टाड्डर्ड’ (अमेरिकी कवि एवं प्रोफेसर) ने अपने वक्तव्य मे संगठन को सराहा और अपनी दो कविताएं पढ़ी। कार्यक्रम का संचालन PLCS अध्यक्ष डॉ शमेनाज़ (असिस्टन्ट प्रोफेसर, राजर्षि टंडन महिला महाविद्यालय, प्रयागराज) ने किया। अंत मे PLCS सदस्यों ने अपनी शुभकामनायें दी।
19 दिसंबर को 2 सत्र का आयोजन हुआ। ‘इंटरनेशनल लैंग्वेजज’ सेशन 1 और 2 पहले सत्र की शुरुआत PLCS उपाध्यक्ष, डॉ मनीषा सिंह (लखनऊ) ने की। सत्र की संचालक डॉ नीरजा सचदेव (सहायक प्रधानाचार्या, एस एस खन्ना गर्ल्स डिग्री कॉलेज, प्रयागराज) ने सभी कवियों का परिचय देते हुए कार्यक्रम का भली-भांति संचालन किया। इस सत्र मे 6 एशियाई देशों के 12 कवियों ने 6 भाषाओं मे अपनी कविताएं पढ़ी। कवियों मे वआंसू किम (कोरिया), के. राधाकृष्णन (भारत), नलिनी टंडन (भारत), मेहेर पेस्टॉनजी (भारत), डॉ क़ुदसी रिज़वी (भारत), परवेज़ शहरयार (भारत), डॉ कनु प्रिया वर्मा (भारत), मंजू यादव (भारत), हेलेन सरिता (फिलिपिंन्स), एंड्रायन फिसका लिगी (फिलिपिंन्स), शाइस्ता मसीह (सऊदी अरब), देबरा जी. मसकारेन्हास (संयुक्त अरब अमीरात), शोखीदा यसोपोहा (उज्बेकिस्तान) ने भाग लिया।
दूसरे सत्र का संचालन मंजू यादव (मुरसिया, स्पेन) ने किया। इस सत्र मे यूरोप, अमेरिका और लातिन अमेरिका के 12 कवियों ने 5 भाषाओं मे अपनी कविताएं पढ़ी।
लुचिल्ला ट्रैपज़जो (स्विट्ज़रलैंड/इटली), मुहसीने अरदा (तुर्की), लिसा जॉय तोमे (अमेरिका) अन्ना मारिया डल ‘ऑलिओ (इटली), एनेट तारप्ले (अमरीका ) शालिनी यादव (इंडिया), जिल शेरोन किम्मलमान (अमेरिका), मिसेला ज़नारेला (इटली), अमेलिआ कायुल ट्रेनामिल (चीले ), सरफराज़ अहमद (ब्रिटेन ), रौल्ला पोलार्ड (ग्रीस) और जानेता जॉनस (अमेरिका) किया।
20 दिसंबर को भारतीय भाषाओं के सत्र मे 17 कवियों ने 13 भाषाओं मे कविता पाठ किया। इस सत्र का संचालन वंदना त्रिपाठी कवियों मे, नीरजा सचदेव (हिन्दी), नलिनी टंडन (हिन्दी), अलका प्रकाश (हिन्दी), अवनिन्दर शर्मा (पंजाबी) अविक गंगोपाध्याय (बंगाली), दीपक एन पवार (मराठी), जयश्री सांगितराव (मराठी), जमुना बीनी (नयीशी), प्रसन्ना कुमार (तेलुगु एवं हिन्दी), रूचि मालवीय (हिन्दी), उस्मान मेहमूद (कश्मीरी), परवेज़ शहरयार (उर्दू), मनीषा सिंह (भोजपुरी), शमेनाज़ (ब्रज भाषा एवं उर्दू ), वंदना त्रिपाठी (संस्कृत एवम् तमिल) धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनुपमा शर्मा ने किया।
