हर साल की तरह इस साल भी 27 रबीउ़ष्षानी 1443 हिजरी मुताबिक़ 02 दिसम्बर 2021 बरोज़:जुमेरात मदरसा गुल्शने ग़ौषिया हिन्डिया के वसीअ़ व अ़रीज़ मैदान में ग़ुलामाने दस्तगीर कमेटी के ज़ेरे एहतिमाम इन्तिहाई शान व शौकत और अ़क़ीदत व मुहब्बत के साथ जल्सा-ए-ग़ौषे आज़म दस्तगीर मनाया गया।
जल्से की शुरुआ़त तिलावते कलामुल्लाह से की गई।
फिर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ व मदरसा गुल्शने ग़ौषिया हिन्डिया के कुछ होनहार तल्बा ने अपना दीनी व मज़हबी प्रोग्राम नअ़त व मन्क़बत और तक़रीर व मुकालमा वग़ैरह पर मुशतमिल पेश किया,जिसे उ़़ल्मा व अ़वाम ने खूब पसंद किया और उन की हौसला अफ्ज़ाई भी की।
फिर यके बाद दीगरे दर्ज ज़ैल उ़ल्मा-ए-किराम ने मुख्तलिफ मौज़ूआ़त पर तक़रीरैं कीं।
★खतीबे हर दिल अ़ज़ीज़,वाइज़े शीरीं मक़ाल हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी★हज़रत मौलाना मुहम्मद यूसुफ साहब क़ादरी,खलीफा जीलानी जमाअ़त★हज़रत मौलाना इल्मुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी★हज़रत मौलाना खालिद रज़ा साहब अनवारी तालसर।
जब कि बीच बीच में इन हज़रात ने बेहतरीन अंदाज़ में नअ़तहा-ए-रसूल व बुज़ुर्गों बिल खुसूस हुज़ूर ग़ौषे आज़म की शान में मनाक़िब पेश किए।
★वासिफे शाहे हुदा हज़रत क़ारी मुहम्मद जावेद साहब सिकन्दरी अनवारी★मद्दाहे रसूल जनाब मौलाना मुहम्मद यूनुस अनवारी★क़ारी मुहम्मद उ़र्स सिकन्दरी अनवारी।
आखिर मे खतीबे खुसूसी पीरे तरीक़त रहबरे राहे शरीअ़त नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्द ज़िल्लहुल आ़ली मुहतमिम व शैखुल हदीष:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने इन्तिहाई नासिहाना खिताब फरमाया।
आप की पुर अषर व नसीहत भरी तक़रीर से मुतअष्षिर होकर मज्मा से ऐक नौजवान अपनी मरज़ी से खड़ा होकर आइंदा हत्तल मक़्दूर नमाज़ की पाबंदी के साथ दीगर अहकामे शरइय्या पर अ़मल पैरा होने का अ़हद किया।
इस जल्से में खुसूसियत के साथ यह हज़रात शरीक हुए।
★हज़रत पीर सय्यद दावन शाह बुखारी★माहिरे दरसियात हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद साहब नूरी मिस्बाही★आ़लिमे नबील हज़रत मौलाना अ़ब्दुस्सुब्हान साहब मिस्बाही★हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी अनवारी★हज़रत मौलाना अ़ताउ़र्रहमान साहब क़ादरी[खलीफा जीलानी जमाअ़त]★हज़रत मौलाना रोशनुल क़ादरी अनवारी★ हज़रत हाफिज़ व क़ारी क़मरुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी★हज़रत क़ारी अरबाब अ़ली क़ादरी
निज़ामत के फराइज़ मोलवी रियाज़ुद्दीन सिकन्दरी अनवारी मुतअ़ल्लिम दरजा-ए-फज़ीलत: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ ने बहुस्न व खूबी अंजाम दिए।
सलातो सलाम और क़िब्ला पीर साहब की दुआ़ पर जल्सा इख्तिताम को पहुंचा।

रिपोर्टर:(मौलाना)हबीबुल्लाह क़ादरी अनवारी!
खादिम:मदरसा गुल्शने ग़ौषिया हिन्डिया, तहसील:रामसर, ज़िला:बाड़मेर(राज:)