रहमते आलम कांफ्रेंस
गोरखपुर। मंगलवार को रेती रोड मदीना मस्जिद पर ‘रहमते आलम’ कांफ्रेंस हुई। नात-ए-पाक कासिद रज़ा इस्माइली व मो. अफ़रोज़ क़ादरी ने पेश की। संचालन हाफ़िज़ अज़ीम अहमद नूरी ने किया।
अध्यक्षता करते हुए मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि हमारे नबी हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम तमाम नबियों, पैग़ंबरों के सरदार हैं। हर नबी का बुलंद मर्तबा है लेकिन हमारे नबी सबसे ज्यादा बुलंद मर्तबे वाले हैं। मिलाद शरीफ़ का महफिल सजाना उसमें नबी-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पैदाइश के हालात और दीगर फजाइल बयान करने से बरकत होती है।
मुख्य अतिथि मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा कि अल्लाह एक है उसका कोई साझी व शरीक नहीं। आसमान व जमीन और सारी मखलूकात का पैदा करने वाला अल्लाह है। वही इबादत के लायक है। अल्लाह ही सबको रोजी देता है। सब अल्लाह के अख्तियार में है। अल्लाह हर ऐब से पाक है।
विशिष्ट अतिथि कारी मोहम्मद अनस रज़वी ने कहा कि रसूल और नबी अल्लाह के महबूब बंदे और इंसान होते हैं। अल्लाह ने उनको इंसान की हिदायत के लिए दुनिया में भेजा है। वह बंदों तक अल्लाह का पैग़ाम पहुंचाते हैं। वह गुनाहों से पाक होते हैं। सबसे पहले नबी हज़रत आदम अलैहिस्सलाम हैं और सबसे आखिरी नबी हमारे पैग़ंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हैं।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर हिन्दुस्तान की तरक्की की दुआ मांगी गई। कांफ्रेंस में शाहिद अंसारी, मो. कादिर, कारी नसीमुल्लाह, मौलाना रूखसार, आबिद अली, मो. दानिश, मो. राशिद, अब्दुल क़ादिर, नूर मोहम्मद दानिश, मोहम्मद नाज़िम, सैयद शहाबुद्दीन, अली हसन, कारी अंसारुल हक, आदि ने शिरकत की।