गोलघर में हुआ जलसा
गोरखपुर। सोमवार को नौज़वान कमेटी लाल मस्जिद की ओर से गोलघर में ईद मिलादुन्नबी जलसा हुआ। अध्यक्षता कारी जाकिर हुसैन क़ादरी व संचालन मौलाना मो. फिरोज निज़ामी ने किया। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफ़िज़ मो. अर्सी ने की। नात-ए-पाक कारी बदरुल हसन व कारी आबिद अली ने पेश की।
मुख्य अतिथि मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी (नायब काजी) ने कहा कि क़ुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कल्चर अपनाओ, पैग़ंबर-ए-आज़म का बताया हुआ रास्ता अपनाओ, पैग़ंबर-ए-आज़म की फरमाबरदारी और पैरवी करो। जो अल्लाह और उसके पैग़ंबर की फरमाबरदारी करेगा उसे अज़ीम कामयाबी मिलेगी।
विशिष्ट अतिथि मौलाना मोहम्मद जिब्राइल ने कहा कि कमजोरों पर जुल्म न करो। औरतों की इज्जत करो। उनको सताओ नहीं। मजदूरों पर उनके ताकत से ज्यादा बोझ न लादो और न ही ताकत से ज्यादा काम लो। उनकी मजदूरी बिना परेशान किए हुए पसीना सूखने से पहले अदा करो। हर बड़े का अदब करो। यही पैग़ाम है हमारे पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का। इसे आम करें। दीन-ए-इस्लाम के फर्जों की अदायगी वक्त पर करें। इंसानियत और एक अल्लाह की इबादत का संदेश देने वाले पैग़ंबर-ए-आज़म समाज में औरतों को सम्मान एवं अधिकार दिए जाने के हमेशा पैरोकार रहे। अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई।