तमाम आशिक़ाने आलाहज़रत को मुत्तलाअ़ किया जाता है कि ज़िला प्रशासन ने इस साल भी उर्स ए रज़वी में कम संख्या में ही लोगों को शामिल करने की परमीशन दी है और उसी संख्या को ध्यान में रखते हुए ज़िला प्रशासन ने इन्तेज़ामात किये है। चूँकि ज़िला प्रशासन को उर्स ए रज़वी के लिए पूरे शहर में बड़े पैमाने पर इन्तेज़ामात करना होते हैं।
मगर इसी दौरान अभी दो रोज़ पहले शादी-विवाह और दीगर प्रोग्रामों से मुताल्लिक पाबन्दियाँ ख़त्म करने को लेकर लखनऊ से हुकूमती सतह पर अस्पष्ट आॅर्डर जारी हुआ जो मीडिया और सोशल मीडिया के ज़रिए से फैलना शुरू हो गया है, जिससे आम लोगों में यह कशमकश की सूरत पैदा हो गयी है कि उर्स रिजवी पहले की तरह होगा या नहीं। इस सिलसिले में देश-विदेश से लगातार फोन आने लगे। ज़िला प्रशासन से इस नये आॅर्डर की रौशनी में बात की गयी तो शहर से मुताल्लिक़ इन्तेज़ामात को लेकर इतने कम वक्त में उन्होंने पहले की तरह सहूलियात देने से मजबूरी ज़ाहिर कर दी।
इसलिए इन पेचीदा हालात और मुल्क की सूरते हाल के पेशे नज़र बाहर के हज़रात से हमारी गुज़ारिश है कि आप हज़रात किसी क़िस्म की परेशानी से दो चार न हों लेहाज़ा बेहतर यही है कि आप हज़रात उर्स ए रज़वी की तारीख़ों में बरेली शरीफ़ तशरीफ न लाएँ।
अर्ज़ गुज़ार
सय्यद मो0 आसिफ मियाँ
उर्स प्रभारी इस्लामिया ग्राउंड
दरगाह आलाहज़रत
बरेली शरीफ