आज जैसे ही पुराने शहर बरेली शरीफ़ में राशिद खा़न की बेटी रीना खा़न के हिंदू युवक प्रदीप कुमार (जो जगतपुर चौकी में तैनात हैं) की शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो तहरीक फ़रोग़े इस्लाम (शाखा) बरेली शरीफ़ के ज़िम्मेदारों ने मामले की वास्तविक स्थिति जानने के लिए कार्ड पर मौजूद नंबर पर फो़न किया। लड़की ने कॉल रिसीव की और मामले की तस्दीक़ की। फ़ौरन ज़िम्मेदारान उसके घर पहुंचे और उसके माता-पिता से मिले। पहले तो उसकी मां ने बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन जब उन्हे बताया कि उनकी बेटी का मैटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है तब उन्होंने ज़िम्मेदारान को घर में बुलाया और ज़िम्मेदारान ने उसकी वालिदा से हालात का ज़िक्र करते हुए कहा कि आपकी बेटी एक गैर मुस्लिम से शादी करने जा रही है आप उसे उस इरतिदाद से रोकें, अगर आपको किसी मदद की ज़रूरत हो तो कहें हम आपके साथ हैं आप की हर मुमकिन मदद की जाएगी।
इतनी देर में लड़की रीना ख़ान का फ़ोन उसकी वालिदा के नंबर पर आया जिस पर तहरीक के एक जिम्मेदार आलिम ने उसको समझाया कि “हक़ीक़ी ज़िन्दगी आख़रत की जिंदगी है दुनिया सिर्फ़ चन्द दिनों की है, हम यहां अपने दुनियावी मतलब से नहीं आए बल्कि जिस तेज़ी के साथ मुस्लिम बच्चियों के साथ मामलात पेश आ रहे हैं जो बड़े अफ़सोस नाक हैं, देहली की साबिया सैफी़ का मुआमला अभी ताज़ा है। मुस्लिम बच्चियों को शादी का धोखा देकर उनकी इज़्ज़त ही नहीं उनकी जान तक से अपनी प्यास बुझाई जा रही है रोज़ कोई ना कोई दिल दहला देने वाली ख़बर मिलती है, हमें जब आप के मामले की ख़बर पहुंची तो हम आपके यहां आपकी ख़ैर ख़्वाही में आ पहुंचे लेहाज़ा मेरी बहन इस फे़ल (काम) से बाज़ आ जाएं ताकि आप और आपके वालिदैन और आपका मुस्लिम समाज बदनामी और हर कि़स्म के नुक़सानात से बच सकें और साज़िशें करने वालों के मंसूबे नाकाम हो सकें” वो खामोश सुनती रही और फो़न काट दिया।
फिर जि़म्मेदारान ने उसकी वालिदा से कहा कि आप अपनी बच्ची व फै़मिली को तबाह होने से बचाएं, तहरीक आपके साथ है।
अल्लाह ताला की बारगाह में दुआ है कि इस बच्ची के ईमान व अक़ीदे, जान व माल की हिफ़ाज़त फरमा और उलमा ए किराम के कहे गए कलिमात मे असर पैदा फ़र्मा, मजी़द इस इरतिदाद की आंधी से मुस्लिम बच्चियों की हिफ़ाज़त फ़र्मा, तहरीक फ़रोग़े ए इस्लाम को इसके कारकुनान को दिन दूगनी रात चौगुनी तरक्की़ अता फर्मा। आमीन
हाफिज़ मुस्तकीम अज़हरी
सदर शोबाए समाजी ख़िदमात
तहरीक फ़रोग़े इस्लाम (शाख़) बरेली शरीफ़