गोरखपुर

माह-ए-सफ़र का चांद दिखा: आला हज़रत, मुजद्दिदे अल्फे सानी व सुल्तान सलाहुद्दीन का मनाया जाएगा उर्स-ए-पाक

गोरखपुर। दीन-ए-इस्लाम के दूसरे माह ‘सफ़र’ का आगाज़ बुधवार की शाम से हो गया। गोरखपुर व आसपास के जिलों में माह-ए-सफ़र का चांद देखे जाने का ऐलान उलेमा-ए-अहले सुन्नत ने कर दिया। माह-ए-सफ़र में देश-विदेश की अज़ीम मुक़द्दस हस्तियों जैसे सहाबी-ए-रसूल हज़रत सैयदना सलमान फारसी रदियल्लाहु अन्हु, हज़रत सैयदना इमाम हसन रदियल्लाहु अन्हु, अल्लामा फज़ले हक़ खैराबादी, आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां, सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी, हज़रत मुजद्दिदे अल्फे सानी इमाम शैख़ अहमद सरहिंदी फारूकी आदि का उर्स-ए-पाक मोहब्बत, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा।

मुफ़्ती मो. अजहर शम्सी (नायब काजी) व कारी मो. अनस रज़वी ने बताया कि माह-ए-सफ़र में जिन मुक़द्दस हस्तियों का उर्स-ए-पाक पड़ेगा तंजीम करवाने अहले सुन्नत उन तारीख़ों पर क़ुरआन ख़्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी कर इसाले सवाब करेगी। उर्स-ए-पाक की महफिलों के जरिए मुक़द्दस हस्तियों की ज़िन्दगी, खिदमात व तालीमात से अवाम को रू-ब-रू करवाया जाएगा।

चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर के इमाम हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने बताया कि हम हर साल मुक़द्दस हस्तियों का उर्स-ए-पाक तो मना लेते हैं लेकिन उनके अज़ीम कारनामों व तालीम से नवाकिफ रहते हैं, इसलिए इस बार मुक़द्दस हस्तियों की याद में महफिल सजाकर उनके अज़ीम कारनामों व तालीमात पर रोशनी डाली जाएगी।

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार के इमाम हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने बताया कि अवाम में यह गलतफहमी है कि माह-ए-सफ़र में कोई अच्छा काम नहीं करना चाहिए मसलन शादी नहीं करनी चाहिए, किसी से रिश्ते की बात नहीं करनी चाहिए, नया कारोबार नहीं शुरु करना चाहिए और कोई नई चीज भी नहीं खरीदनी चाहिए यह सब जिहालत है। माह-ए-सफ़र को बुरा या मनहूस मानना जिहालत है। माह-ए-सफ़र में ज्यादा से ज्यादा इबादत करें। मुक़द्दस हस्तियों की तारीख़ पढ़ें। इसाले सवाब कर खिराजे अकीदत पेश करें। मुक़द्दस हस्तियों के उर्स-ए-पाक पर मस्जिद में महफिल सजेगी। क़ुरआन ख़्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी होगी।

माह-ए-सफ़र की इन तारीखों में मनाया जाएगा मुक़द्दस हस्तियों का उर्स-ए-पाक

पहली सफ़र को हज़रत सैयद हाजी वारिस अली शाह अलैहिर्रहमां, तीन सफ़र को हज़रत इमाम अबू अब्दुल्लाह मोहम्मद हाकिम मुहद्दिस निशापुरी अलैहिर्रहमां, पांच सफ़र को उम्मुल मोमिनीन हज़रते सैयदा मैमूना रदियल्लाहु अन्हा, हज़रत अल्लामा मुफ़्ती हसनैन रज़ा खां अलैहिर्रहमां, छह सफ़र को हज़रत अल्लामा मौलाना शरीफुल हक़ अमज़दी अलैहिर्रहमां, हज़रत सैयद अब्दुल्लाह शाह क़ादरी उर्फ़ बुल्लेह शाह बाबा अलैहिर्रहमां, सात सफ़र को हज़रत शैख़ बहाउद्दीन ज़करिया मुल्तानी अलैहिर्रहमां, दस सफ़र को हज़रत अबुल फैज़ सौबान जुन्नून इब्ने इब्राहीम अल मिस्री अलैहिर्रहमां, 11 सफ़र को सहाबी-ए-रसूल हज़रत सैयदना सलमान अल फ़ारसी रदियल्लाहु अन्हु, हज़रत मुफ़स्सिरे आज़म मौलाना मोहम्मद इब्राहीम रज़ा खां उर्फ़ जीलानी मियां अलैहिर्रहमां, 12 सफ़र को हज़रत शाह अब्दुर्रहीम मुहद्दिस देहलवी अलैहिर्रहमां, जंगे आज़ादी के अज़ीम मुजाहिद हज़रत शाह अल्लामा फज़ले हक़ खैराबादी अलैहिर्रहमां, 13 सफ़र को हज़रत इमाम अहमद इब्ने शोएब अन नसाई अलैहिर्रहमां, 14 सफ़र को हज़रत ख़्वाजा मालिक बिन दीनार अलैहिर्रहमां, 15 सफ़र हज़रत अल्लामा मौलाना अरशदुल क़ादरी अलैहिर्रहमां, 18 सफ़र को हज़रत अबू हसन सैयद अली हुजवेरी दाता गंज बख्श अलैहिर्रहमां, 23 सफ़र को हज़रत मखदूम शाह मीना मोहम्मद लखनवी अलैहिर्रहमां, 25 सफ़र को मुजद्दिदे आज़म आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फाजिले बरेलवी अलैहिर्रहमां, 27 सफ़र को हज़रत सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी अलैहिर्रहमां, हज़रत इमाम बदरुद्दीन महमूद अल ऐनी अलैहिर्रहमां, 28 सफ़र को हज़रत सैयदना इमाम हसन मुज्तबा रदियल्लाहु अन्हु, हज़रत मुजद्दिदे अल्फे सानी इमाम शैख़ अहमद सरहिंदी फारूकी अलैहिर्रहमां, 29 सफ़र को हज़रत पीर सैयद मेहर अली शाह अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक मोहब्बत, अकीदत व एहतराम के साथ मनाया जाएगा।

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