गोरखपुर

बुर्का सुरक्षा कवच, पाबंदी के साथ पहनें मुस्लिम महिलाएं: मुफ्तिया गाजि़या

शबे बराअत में नमाज पढ़ें, तिलावत करें व दिन में रोजा रखें، बड़गो में मुस्लिम महिलाओं की कांफ्रेंस

गोरखपुर। बड़गो में गुरुवार को ‘बज़्मे ख़्वातीन व इस्लाहे मुआशरा’ कांफ्रेंस हुई। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत गुलफिशां खातून ने की। नात-ए-पाक सना खातून ने पेश की। दीनी व दुनियावी मुद्दों पर चर्चा हुई।

सदारत करते हुए मुफ्तिया गाज़िया खानम अमजदी ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं नमाज़, रोजा, हज, जकात व पर्दे की पाबंदी करें। बुर्का महिलाओं का सुरक्षा कवच है। मुस्लिम महिलाएं पाबंदी के साथ बुर्का पहनें। सदका व खैरात करें। बच्चों की तालिमों तरबियत पर ध्यान दें। पैंगबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने शाबान को अपना महीना करार दिया है। शाबान में अल्लाह अपने बंदों को खैर व बरकत से ज्यादा नवाजता है। बंदों पर भी लाज़िम है कि वह कसरत से इबादत करें। हज़रत अली रजियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि पैगंबर-ए-आज़म ने फरमाया शबे बराअत आए तो रात में नमाज पढ़ो और दिन में रोजा रखो। अल्लाह इस रात सूरज डूबने के साथ दुनिया की तरफ खास तवज्जो करता है और फरमाता है कि क्या है कोई मगफ़िरत चाहने वाला कि मैं उसकी मगफिरत करुं। क्या है कोई रोजी मांगने वाल कि मैं उसको रोजी दूं, क्या है कोई गिरफ्तारे बला कि मैं उसे राहत दूं, इस किस्म की रहमत भरी सदा सुबह तक आती रहती है। इस रात में अल्लाह की बेशुमार रहमतों और बरकतों का ज़ुहूरे आम होता है।

संचालन करते हुए आलिमा फातिमा ज़हरा ने कहा कि क़ुरआन-ए-पाक की पहली ‘वही’ रमज़ान माह में पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम पर गारे हिरा में नाज़िल हुई। इस एतबार से माह-ए-रमज़ान और क़ुरआन-ए-पाक का आपस में निहायत गहरा ताअल्लुक है। कुरआनी इल्म को अपने अमल में उतारकर दुनिया के सारे लोगों तक क़ुरआन-ए-पाक का पैग़ाम पहुंचाएं। हमारा अमल और किरदार देखकर लोग दूर से पहचान लें और कह उठें कि यह क़ुरआन वाला मुसलमान है। इसका बुराई और दहशतगर्दी से कोई ताअल्लुक़ नहीं। यह भरोसेमंद इंसान है। अगर हमने इस फ़र्ज़ की अदायगी में कोताही की तो दुनिया में जो नुक़सान और अज़ाब भुगतना होगा वह अपनी जगह लेकिन आख़िरत जिसका इस दुनयवी जिंदगी के बाद आना तय है वहां का अज़ाब इस क़दर सख़्त और बदतरीन होगा जिससे छुटकारा पाने की कोई सूरत न होगी।

अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में चैन व सुकून की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। कांफ्रेंस में हसीबुन निशा, जैनब खातून, शबनम खातून, इशरत परवीन, शाहीन खातून, हुमैरा खातून, परवीन, साहिबा खातून, खुशबू, जीनत, हिना परवीन, साबरीन खातून आदि मौजूद रहीं।

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *