बाराबंकी साहित्यिक

मोहम्मद ज़ीशान:युवा राजनीति की नई उम्मीद

जब देश और प्रदेश की राजनीति में नैतिकता, आदर्श और सेवा भावना का संकट गहराता जा रहा हो, ऐसे दौर में कुछ युवा अपने कर्तव्यबोध, ईमानदारी और सामाजिक सरोकारों के साथ राजनीति में उतर रहे हैं। इन्हीं चंद उम्मीदों में एक नाम है बाराबंकी के कस्बा सआदतगंज से आने वाले मोहम्मद ज़ीशान, जो मात्र 20 वर्ष की उम्र में नई राजनीतिक सोच और सेवा भाव लेकर उभर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि में पले-बढ़े ज़ीशान का बचपन साधारण आर्थिक हालातों में बीता। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने शिक्षा और समाज सेवा दोनों क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उनमें जिम्मेदारी और संघर्ष की भावना बचपन से ही भर दी।
राजनीति में सक्रियता के क्रम में उन्होंने कांग्रेस पार्टी को अपना मंच बनाया। वर्तमान में मोहम्मद ज़ीशान कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के बाराबंकी जिला अध्यक्ष के पद पर कार्यरत हैं। इस जिम्मेदारी को उन्होंने न सिर्फ बखूबी निभाया बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी की नीतियों को घर-घर पहुँचाने का अभियान भी तेज किया।
फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम समेत तमाम डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उनकी उपस्थिति लगातार प्रभावी होती जा रही है। अपने विचारों, मुद्दों और पार्टी की नीतियों को जिस गंभीरता और समझदारी से वे प्रस्तुत करते हैं, वह उन्हें अन्य युवाओं से अलग पहचान दिलाता है। सोशल मीडिया के माध्यम से मोहम्मद ज़ीशान युवाओं को जागरूक कर राजनीति से जोड़ने का सराहनीय प्रयास कर रहे हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से उनके संबंध भी दिनोंदिन मजबूत हो रहे हैं। सोशल मीडिया विभाग की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुप्रिया श्रीनेत, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया एवं वर्तमान सांसद तनुज पुनिया के साथ उनका नियमित संवाद बना हुआ है। वरिष्ठ नेतृत्व भी उनकी सक्रियता और दूरदर्शिता को सराहता है। मोहम्मद ज़ीशान की मेहनत ने उन्हें प्रदेश स्तर पर भी खास पहचान दिला दी है।
शैक्षणिक उपलब्धियों की बात करें तो उन्होंने राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की है। वर्तमान में वे विधि (LLB) की पढ़ाई कर रहे हैं। संविधान और कानून की गहरी समझ उन्हें एक जागरूक राजनेता के रूप में और अधिक परिपक्व बना रही है। उनका मानना है कि प्रभावशाली जनप्रतिनिधि बनने के लिए कानूनी ज्ञान अत्यंत आवश्यक है। इस सोच से मोहम्मद ज़ीशान निरंतर खुद को तैयार कर रहे हैं।
सिर्फ शहरी समस्याओं तक सीमित न रहते हुए उन्होंने अपने गांव व आसपास के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, बेरोजगारी, अघोषित बिजली कटौती जैसी समस्याओं को भी गंभीरता से उठाया है। इन मुद्दों को समय-समय पर उन्होंने स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक पहुँचाने में भी सक्रियता दिखाई है। गांव के युवाओं में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
राजनीति को सेवा का माध्यम मानने वाले इस युवा नेता की सोच उन्हें औरों से अलग करती है। सत्ता की दौड़ में शामिल अधिकांश नेताओं से इतर, मोहम्मद ज़ीशान राजनीति को समाजसेवा का सर्वोच्च साधन मानते हैं। उनका व्यवहार, सोच और दृष्टिकोण इस बात की तस्दीक करता है कि आने वाले समय में वे जनता की सच्ची आवाज़ बन सकते हैं।
साम्प्रदायिक सद्भाव और सामाजिक सौहार्द्र के पक्षधर रहते हुए उन्होंने नफरत की राजनीति के खिलाफ हमेशा मजबूत रुख अपनाया है। उनके विचारों में स्पष्टता है कि देश की एकता, अखंडता और भाईचारे के लिए सौहार्दपूर्ण राजनीति अनिवार्य है। मोहम्मद ज़ीशान इस दिशा में युवाओं के बीच नई सोच को बढ़ावा दे रहे हैं।
शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था और युवाओं के मुद्दों पर उनकी सक्रियता ही उनके व्यापक दृष्टिकोण का प्रमाण है। ईमानदारी और पारदर्शिता को राजनीति में लाने के उनके प्रयास युवाओं के लिए उदाहरण बनते जा रहे हैं। मोहम्मद ज़ीशान आज की राजनीति में वह ताज़ी हवा के झोंके हैं, जो भविष्य के लिए एक साफ-सुथरी और वैचारिक राजनीति की बुनियाद रख सकते हैं।
यदि उनका यही समर्पण, लगन और सोच इसी प्रकार बनी रही तो निःसंदेह आने वाले वर्षों में बाराबंकी ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में मोहम्मद ज़ीशान एक प्रभावशाली और ईमानदार नेता के रूप में स्थापित होंगे।

लेखक : अबू शहमा अंसारी
सआदतगंज, बाराबंकी
वरिष्ठ पत्रकार,
हफ्तावार ” नवा-ए-जंग “लंदन
हफ्तावार “सदा-ए-बस्मिल” एवं “निदा-ए-कश्मीर” के उत्तर प्रदेश ब्यूरो प्रमुख।

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