पटना। नगर के मस्जिद-ए-हाजरा में महबूब-ए-इलाही हज़रत शाह निज़ामुद्दीन औलिया अलैहिर्रहमा के उर्स के अवसर पर महफ़िल-ए-मीलाद का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मरकज़ी इदारा-ए-शरीया के अध्यक्ष मुफ्ती गुलाम रसूल इस्माइली, खतीब और इमाम मुफ्ती गुलाम रसूल इस्माइली ने कहा कि हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया सूफी संत थे, जिन्हें शाह वलीउल्लाह देहलवी ने भी अपना आध्यात्मिक गुरु माना था। उन्होंने आगे कहा कि हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया का जन्म बदायूं में हुआ था और उनके दादा और नाना सैयद अली और सैयद अरब थे, जो बुखारा में रहते थे और बाद में लाहौर चले गए थे।
मुफ्ती गुलाम रसूल इस्माइली ने यह भी कहा कि हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया को एक रात अल्लाह तआला ने दिखाया था कि जो भी मुसलमान उनकी ज़ियारत करेगा, वह उसके गुनाहों को माफ कर देगा। उन्होंने कहा कि हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया का जीवन और शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं और उनकी शिक्षाएं हमें शांति, सहनशीलता और एकता की ओर ले जाती हैं।
इस अवसर पर एडवोकेट रियाज आलम अर्फ राजू, नज्मुल हुदा, गुलाम मुहम्मद, अब्दुल खालिक, अब्दुल जलील, इकबाल अहमद समेत पचासों लोग मौजूद थे। समारोह के अंत में फातिहा और दुआ की गई।