गोरखपुर। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाज़ार में ईद मिलादुन्नबी महफ़िल हुई। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से आगाज़ हुआ। अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती-ए-शहर अख़्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि अल्लाह इल्म-ए-दीन हासिल करने वालों से बेहद खुश होता है, इसलिए आपको चाहिए की इल्म-ए-दीन खुद भी हासिल करें और घर वालों को भी सिखाएं। नबी-ए-पाक हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हमेशा अमन का पैग़ाम दिया। उनके अमन के पैग़ाम को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। प्यारे नबी की पूरी ज़िंदगी तमाम इंसानों के लिए आदर्श है। आप एक अच्छे रहबर, इंसान, आदर्श पिता, दोस्त, भाई तथा शौहर के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं जिनके आदर्श पर चलकर किसी भी व्यक्ति का जीवन सफल हो सकता है। प्यारे नबी से मुहब्बत करना ईमान का हिस्सा है। बिना नबी की मुहब्बत के कोई इबादत मकबूल नहीं होती। जब हम मुहब्बत का दावा करते है तो उसका इजहार भी जरूरी है शरीअत के दायरे में रहकर ‘जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी’ मनाना, जलसा करना, जुलूस निकालना ख़ुशी के इजहार का एक तरीका है।
अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान, तरक्की व भाईचारगी की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। महफ़िल में हाफिज रहमत अली निजामी, हाजी बदरूल हसन, मुख्तार अशरफी, हाजी सलीम, रूशान, मो. इरफान, मो. अरीब, मो. आयान, मो. आसिफ, कारी अनस क़ादरी आदि मौजूद रहे।