मुंबई- सोमवार को जुमे की नमाज के बाद सुन्नी बिलाल मस्जिद से आल इंडिया सुन्नी जमीयत उलमा के अध्यक्ष हजरत अल्लामा मौलाना अल्हाज सैयद मोइनुद्दीन अशरफ अशरफी जिलानी साहब सज्जादा खानकाह आलिया किछोछा मुक़दसा, और रज़ा एकेडमी के संस्थापक अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी के नेतृत्व में झंडा फहराकर अक़ीदा ए खत्म ए नबूबत अभियान की घोषणा की। इस दौरान बड़ी संख्या में उलेमा, मदरसों के छात्र और मस्जिदों के इमामों ने भाग लिया।
अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अक़ीदा ए खत्म ए नबूबत अभियान 1 सितंबर से 7 सितंबर तक मनाया जाएगा। क्योंकि 7 सितंबर को कादियानियों को गैर-मुस्लिम घोषित किया गया था।
वहीं मोईन अल-मशाइख ने बुखारी शरीफ का जिक्र करते हुए कहा कि कहा कि कयामत का दिन तब तक नहीं आएगा जब तक कि तीस झूठे दज्जाल पैदा नहीं हो जाते, जो सभी खुद के पैगंबर होने का दावा करेंगे। मौजूदा दौर में ऐसे कई फितने सामने आए है। जो खुले तौर पर खत्म ए नबूबत का इन्कार कर रहे है। इनमे सबसे बड़ा फितना कादियानी है। समय बीतने के साथ इस फितने के मानने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है। जो चिंताजनक है। उन्होने आगे कहा कि हमें इस फितने को रोकने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
इसके अलावा सईद नूरी ने ज़ोर देकर कहा कि इस अभियान को बड़े पैमाने पर चलाने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि अल्लाह के रसूल का फरमान है कि मेरे बाद कोई पैगंबर नहीं बल्कि खलीफा होंगे। ऐसे में किसी के द्वारा नबी होने का दावा करना ही झूठा है और जो कोई शख्स ऐसा दावा करता है। वह मुसलमान नहीं हो सकता या ऐसे शख्स को मानने वाले भी मुसलमान नहीं हो सकते। अंत में उन्होंने कहा कि इस फितने को रोकने के लिए हमें कड़े कदम उठाने की जरूरत है। इस दौरान खलीलुर्रहमान नूरी, मौलाना कारी मुश्ताक तेगी, मुफ्ती शाह नवाज अलीमी, मौलाना आरिफ और अन्य उलेमा मौजूद रहे।