गोरखपुर। अब मदरसों से मौलाना व हाफ़िज बनने वाले छात्र उर्दू व हिंदी के साथ फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोलेंगे। इसके लिए तहरीक दावते इस्लामी इंडिया ने नई पहल की है। मदरसे में पढ़ रहे बच्चों के लिए अंग्रेजी का एडवांस कोर्स शुरू किया है।
शुक्रवार को मदरसतुल मदीना फैज़ाने सिद्दीक़े अकबर अंधियारीबाग व जामियतुल मदीना फैज़ाने सूफी निज़ामुद्दीन रसूलपुर तकिया कवलदह में यह कोर्स ऑनलाइन शुरू हुआ। करीने से बच्चों की पहले दिन की कक्षाएं चली। ढ़ाई साल के इस कोर्स के जरिए छात्रों को अंग्रेजी पढ़ने, लिखने, बोलने व समझने के काबिल बनाया जाएगा। बच्चों को आलमियत (मौलाना) व हिफ्ज़ (हाफ़िज) कोर्स के साथ अंग्रेजी भाषा में भी पास होना पड़ेगा। चालीस मिनट की कक्षाएं हर रोज चलेगी। जल्द ही दोनों मदरसों में पढ़ाई के लिए शिक्षक उपलब्ध होने वाले हैं। फिलहाल ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। इस कोर्स से दोनों मदरसे के डेढ़ सौ से अधिक बच्चों को फायदा पहुंचेगा।
तहरीक के जिलाध्यक्ष (निगरान) वसीउल्लाह अत्तारी ने बताया कि तहरीक लॉकडाउन के समय से ही तमाम तरह के ऑनलाइन कोर्स चलाकर बच्चों से लेकर बड़ों तक की दीनी रहनुमाई कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी तहरीक ने नुमाया किरदार निभाया है। इसी के तहत इंडिया में तहरीक के हर मदरसे में छात्रों के लिए अंग्रेजी का एडवांस कोर्स चालू किया गया है ताकि मदरसे से मौलाना व हाफ़िज बनने वाले छात्र भाषा की वजह से कमतर न रहें। इसके अलावा अंग्रेजी भाषा पर पकड़ की वजह से दीन-ए-इस्लाम की दावत देने में आसानी होगी। दुनियावी शिक्षा हासिल करने में भी मदद मिलेगी। तहरीक के सभी मदरसों में दीनी शिक्षा नि:शुल्क दी जाती है। आगे चलकर गणित, उर्दू व हिन्दी का एडवांस कोर्स शुरू किया जाएगा। तहरीक का मिशन है कि पैसा न होने की वजह से कोई भी बच्चा तालीम से महरूम न रहे। जल्द सुचारु रुप से कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। फिलहाल अलग-अलग बैच बनाकर तालीम दी जा रही है। आलमियत के काफी बच्चे अभी भी ऑनलाइन तालीम हासिल कर रहे हैं। शाही मस्जिद रसूलपुर व काजी जी की मस्जिद इस्माईलपुर में दो घंटे की कक्षाएं चल रही हैं। जहां स्थानीय बच्चों को तालीम दी जा रही है। गुरुवार को काजी जी की मस्जिद इस्माईलपुर में सुन्नतों भरा इज्तिमा हो रहा है। जिसमें सभी वर्ग के लोग सुन्नतों के मुताबिक जिंदगी गुजर बसर करने का तरीका सीख रहे हैं।