- शहीदे कर्बला की बारगाह में पेश करेंगे अकीदत का नज़राना
गोरखपुर। पिछली बार की तरह इस बार भी माहे मुहर्रम में शहर के युवा रोजा रखकर लोगों की मदद कर नेकी का पैग़ाम आम करेंगे। साथ ही पौधारोपण, पुस्तक वितरण व अन्य नेक काम भी करेंगे। वहीं सोशल मीडिया के जरिए औरों को भी नेक काम करने के लिए प्रेरित करेंगे। माहे मुहर्रम में पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के प्यारे नवासे हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों की अज़ीम क़ुर्बानी को याद किया जाता है। चांद नज़र आने के साथ माहे मुहर्रम 19 या 20 जुलाई से शुरू होगा। नए इस्लामी साल का आगाज भी इसी के साथ होगा और 1445 हिजरी लग जाएगी।
अली बहादुर शाह यूथ कमेटी के अली गज़नफर शाह, मो. आसिफ, मो. अमान, चिंटू, शहजादे, सैफ, तौसीफ खान, शीबू, फहद, सैफ लारी, कासिम, अशहर, बब्लू कुरैशी, सैफ आलम आदि सुन्नी बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर पर चौथी से दसवीं मुहर्रम तक अकीदतमंदों को लंगर-ए-हुसैनी खिलायेंगे। वहीं पहली मुहर्रम से लेकर दसवीं मुहर्रम तक कर्बला के शहीदों की याद में रात में बाद नमाज़ एशा महफिल होगी। जिसमें मस्जिद के इमाम मौलाना अली अहमद शहीदे आज़म हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों की अजी़म क़ुर्बानी पर रोशनी डालेंगे। दसवीं मुहर्रम को सुबह दस बजे से तकरीर व मनकबत का कार्यक्रम होगा। कमेटी के युवा मुहर्रम के दस दिनों तक रोजा रखेंगे। कमेटी द्वारा मुहर्रम की पहली तारीख़ को मुसलमानों के दूसरे खलीफा अमीरुल मोमिनीन हज़रत सैयदना उमर रदियल्लाहु अन्हु का उर्स-ए-पाक कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी के जरिए अकीदत के साथ मनाया जाएगा।