राजनीतिक

मुकदमा सिर्फ ओवैसी पर क्यों–?

सैयद सालिम अल्वी!

एक मिनट के लिए आप सभी एक भारतीय नागरिक होने के नाते इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें मुझे किसी पार्टी से जज न करें अगर मेंरी बात सच्ची और अच्छी लगे तो शेयर जरूर करें,चुनावी बिगुल बजने के बाद लगभग सभी पार्टियां प्रतिदिन कोई न कोई सम्मेलन करती नज़र आ रही हैं।

भारतीय जनता पार्टी का पिछले एक महीने में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की मृत्यु के बाद लगभग 4-5 प्रोग्राम ऐसे किये हैं जिनमे न्यूनतम 10 हज़ार से ज़्यादा की तादाद में लोग मौजूद थे।

आम आदमी पार्टी ने पिछले एक महीने में करीब संजय सिंह की अगुवाई में तीन ऐसे प्रोग्राम किये हैं जिनमें न्यूनतम 5 हज़ार से ज़्यादा की संख्या रहती थी।

कांग्रेस पार्टी ने पिछले एक महीने में लगभग 10 प्रोग्राम ऐसे किये हैं जिनमे 5 और 10 हज़ार से ज़्यादा की तादाद में लोग मौजूद थे।

बसपा पार्टी ने पिछले एक महीने में सतीश चंद्र मिश्रा की अगुवाई में लगभग 5 प्रोग्राम ऐसे किये हैं जिनमे 5 और 10 हज़ार न्यूनतम संख्या में लोग मौजूद थे।

समाजवादी पार्टी ने पिछले महीनों में लगभग साईकिल यात्रा सहित दर्जनों प्रोग्राम ऐसे किये हैं जिनमे 10 और 20 हज़ार से ज़्यादा की तादाद में लोग मौजूद थे।

भीम आर्मी ने पिछले महीनों कई जनपदो जाति-तोड़ो समाज जोड़ो रैली का आयोजन किया जिनमे न्यूनतम 10 हज़ार से ज़्यादा लोग मौजूद थे।

इसके अलावा सरकार ने ख़ुद कई ऐसे प्रोग्राम किये हैं जिनमे बगैर सोशल डिस्टनसिंग के हज़ारो की तादाद में लोग इकट्ठा हो रहे हैं।भाइयो लेकिन मुकदमा सिर्फ ओवैसी साहब पर क्यों–?उन लोगो पर क्यों नही–?कम से कम न्याय का पैमाना इतना भी नीचे मत आने दीजिये की ज़ुल्म भी पनाह मांगने लगे।एक साथ सारी पार्टियो को कार्यक्रम पर रोक लगाइए।

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