गोरखपुर। मुकद्दस रमज़ान के दूसरे जुमे की नमाज़ शहर की छोटी-बड़ी तमाम मस्जिदों में कौमो मिल्लत, मुल्क में अमनो अमान की दुआ के साथ मुकम्मल हुई। हर मुसलमान की जुबां पर ‘ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह’ का विर्द जारी रहा। 13वां रोज़ा अल्लाह की इबादत में गुजरा। मग़फिरत का अशरा जारी है। रोज़ेदार अपने गुनाहों की माफी मांग रहे हैं। जुमा की तकरीरों में मग़फिरत के अशरे, जकात, सदका, एतिकाफ सहित अन्य चीजों पर चर्चा की गई।
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि जिस्म और रूह से मिलकर इंसान बना है। यूं तो साल भर इंसान खाना-पीना और जिस्मानी व दुनियावी जरूरतों का ख्याल रखता है, लेकिन मिट्टी के बने इंसान में असल चीज तो उसकी रूह होती है अल्लाह ने रूह की तरबियत और पाकीज़गी के लिए मुकद्दस रमज़ान बनाया है। आज हम एक ऐसे दौर से गुजर रहें हैं जहां इंसानियत दम तोड़ती नज़र आ रही है और खुदगर्जी हावी हो रही है। ऐसे में मुकद्दस रमज़ान का महीना इंसान को अपने आप के अंदर झांकने और खुद की खामियों को दूर कर नेक राह पर चलने का मौका देता है।
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार में हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम के पांच बुनियादी वसूल में रोज़ा भी एक है और इस अमल के लिए मुकद्दस रमज़ान मुकर्रर किया गया। पाक परवरदिगार भी इबादत गुजार रोज़ेदार बंदे को बदले में रहमतों और बरकतों से नवाज़ता है।
नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मोहम्मद असलम रज़वी ने कहा कि पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने मुख्तलिफ मौकों पर रमज़ानुल मुबारक की फजीलत बयान फरमायी है और इसकी अज़मत और अहमियत दिलों में बिठायी है। आपने फरमाया है कि यह महीना सब्र का है और सब्र का बदला जन्नत है।
जामा मस्जिद सुब्हानिया तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी ने कहा कि रमज़ान हमदर्दी व गमख्वारी का महीना है। यह ऐसा महीना है जिसमें मोमिन का रिज़्क बढ़ा दिया जाता है। रमज़ान के महीने में की गई इबादत व नेकी का सवाब कई गुना हो जाता है।
नूरानी मस्जिद तरंग क्रासिंग हुमायूंपुर में हाफ़िज़ मो. अशरफ, गाजी मस्जिद गाजी रौजा में हाफ़िज़ रेयाज अहमद, मक्का मस्जिद मेवातीपुर में कारी अंसारुल हक क़ादरी, जामा मस्जिद रसूलपुर में मौलाना मो. शादाब बरकाती, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर में मौलाना अली अहमद, सुन्नी जामा मस्जिद सौदागार मोहल्ला बसंतपुर में कारी मोहसिन बरकाती, कादरिया मस्जिद नखास चौक में कारी मोईनुद्दीन, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने जुमा की नमाज पढ़ाईं। इसके अलावा तमाम अन्य मस्जिदों के इमामों ने जुमा का खुतबा दिया व नमाज पढ़ाई। तकरीरों में रमज़ान के फजाइल बयान किए। पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम व अहले बैत पर सलातो-सलाम का नज़राना पेश किया गया। शाम को सबने मिलकर इफ्तार किया। घरों में महिलाओं ने इबादत की। सरों पर टोपी लगाए नन्हें मुन्ने बच्चे बहुत प्यार लगे। गर्मी से कोई रियायत फिलहाल नहीं मिल रही है। पूरा जुमा इबादत में गुजरा। बाजारों की चहल पहल में इजाफा हो रहा है। मोहल्ला इस्लाम चक कर्बला के पीछे सामूहिक रोज़ा इफ्तार का आयोजन अल्तमस हुसैन, साहिल हुसैन, काशिफ रज़ा, अरशद हुसैन, चांद हुसैन, फैसल अली, मो. सनी, हाफ़िज़ मो. आमिर हुसैन, इमरानुल्लाह आदि ने किया। जिसमें बड़ी तादाद में रोज़ेदारों ने हिस्सा लिया।




