गोरखपुर

हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर मुसलमानों के दिलों पर राज करते हैं: मुफ़्ती-ए-शहर

ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की ओर से महफिल-ए-ग़ौसुलवरा

गोरखपुर। ग्यारहवीं शरीफ़ की पूर्व संध्या पर मंगलवार को चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की ओर से महफिल-ए-ग़ौसुलवरा का आयोजन हुआ।

मुख्य अतिथि मुफ़्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ़्ती-ए-शहर) ने कहा कि ग़ौसे आज़म हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां अल्लाह को चाहने वाले, अल्लाह व रसूल की याद में अपनी ज़िंदगी गुजारने वाले, अल्लाह व रसूल की रज़ा के काम करने वाले, अल्लाह की नाराज़गी के कामों से दूर रहने वाले, इल्मो-अमल, तकवा परहेजगारी की एक मिसाल थे। हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर अल्लाह की अता से अपनी बारगाह में आने वालों को सुनते देखते और पहचानते हैं और उनकी मदद भी फरमाते हैं। आप अल्लाह के महबूब बन्दे हैं, आपको अल्लाह ने बहुत रूहानी ताकत अता फ़रमाई है। आपके जिक्र की महफिलों में अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है, आपकी दरगाह पर नूर बरसता है। आप मुसलमानों के दिलों पर राज करते हैं।

मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम को हम तक या दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का सेहरा जिस जमात के सर है उस जमात का नाम औलिया-ए-किराम है। उन्हीं महापुरुषों में एक महान व्यक्ति का नाम हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां है। आपका जन्म जीलान में हुआ था। आप इस्लामी शाखा के हम्बली विचारधारा को कुव्वत बख्शने वाले थे। आपके पिता का नाम हज़रत अबू सालेह मूसा व मां का नाम हज़रत उम्मुल खैर फ़ातिमा था। आप इल्म के समंदर, वलियों के सरदार हैं। आपका मजार-ए-मुबारक शहर बगदाद (इराक) में है।

अंत में सलातो-सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। महफिल में ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष समीर अली, जिला महासचिव हाफ़िज़ मोहम्मद अमन, मोहम्मद फ़ैज़, मोहम्मद वारिस, अली वारसी, मोहम्मद ज़ैद, मोहम्मद ज़ैद चिंटू, रियाज़ अहमद, वसीम, आतिफ, अमान, आसिफ, ज़ैद, शारिक, मेराज, अहसन आदि ने शिरकत की।

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