आज दिनांक 5 नवंबर मानगो, आजाद नगर स्थित “ईदगाह मैदान”में तंजीम अहले सुन्नत व जमात,जमशेदपुर के बैनर तले देशभर में मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार विशेषकर हाल के दिनों में हुए त्रिपुरा दंगे के विरुद्ध एक विरोध सभा का आयोजन किया गया,जिसमें त्रिपुरा दंगे मे मुस्लिम नरसंहार, मस्जिदों पर हमले,कुरान के अपमान और पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम के विरुद्ध अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने का कड़े शब्दों में खंडन किया गया।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों त्रिपुरा दंगे से पहले हजारों की संख्या में विश्व हिंदू परिषद,बजरंग दल व अन्य संगठनों ने त्रिपुरा में एक यात्रा का आयोजन किया था जिसमें पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का अपमान किया गया था। जिसके बाद वहां दंगा भड़क गया था और मस्जिदों में तोड़फोड़, कुरान जलाने और आगजनी की घटना घटी थी।
इसी संदर्भ में आज नमाजे जुमा के बाद काफी संख्या में लोग ईदगाह मैदान में उपस्थित हुए और विरोध प्रदर्शन कियाा।
सभा के संचालनकर्ता मौलाना शमशाद उल कादरी ने त्रिपुरा में मुस्लिम नरसंहार, कुरान के अपमान, मस्जिदों को तोड़ने और पैगंबरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी में त्रिपुरा पुलिस की संलिप्तता को घिनौना और शर्मनाक करार दिया और संविधान के अंतर्गत कार्रवाई की मांग की
वहीं तंजीम अहले सुन्नत व जमात के जनरल सेक्रेटरी मुफ्ती जियाउल मुस्तफा मिस्बाही ने भारत सरकार से मस्जिदों के पुनर्निर्माण, अपराधियों को सजा देने, और शांति बहाली की अपील करते हुए कहा की हिंदुस्तान में तमाम धर्मों के लोग शांति के साथ रहते हैं जो कुछ आतंकवादी मानसिकता के संगठनों को रास नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से वह लोग हिंदुओं और मुसलमानों में भेदभाव पैदा करने के लिए दंगे करवा रहे हैं,
भारत सरकार को इसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर दोषियों को सख्त सजा देनी चाहििए।
सभा को संबोधित करते हुए बारी मस्जिद के खतीब मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी ने भारत सरकार से मोहब्बत और शांति के वातावरण बनाने की गुजारिश की, और नबी की शान की खातिर सब कुछ कुर्बान करने का आह्वान किया।
मौलाना इंतखाब मिस्बाही ने कहा कि मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है मगर अपने नबी का अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगाा।
मदीना मस्जिद के इमाम व खतीब मुफ्ती अब्दुल मालिक मिस्बाही ने त्रिपुरा दंगे की कड़े शब्दों में निंदा कि और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।
ज्ञात हो कि तंजीम एक ज्ञापन डीसी के माध्यम से, प्रधानमंत्री गृह मंत्री और राष्ट्रपति को भी देगी।
आखिर में इस सभा का समापन देश की खुशहाली के लिए दुआ पर हुआ।
सभा में मुख्य रूप से हाजी मुख्तार सफी,मुफ्ती शाहिद रजा, कारी महफूज, तौकीद सूरी जई, इंजीनियर बिलाल नासिर ,मुफ्ती इमामुद्दीन , जावेद अख्तर, सैयद शौकत अली, कारी महबूब और बहुत से गणमान्य लोग उपस्थित थे।
