धार्मिक

हर बुर्दबार मर्द व औरत हैरत में मुब्तला है

हज़रते सय्यिदुना वासिला बिन अस्क़अ رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि हुज़ूर नबिय्ये अकरम , शफ़ीए मुअज़्ज़म صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने हमें इरशाद फ़रमाया : तुम अपने मुर्दों के पास हाज़िर रहो और उन को ‏ لا إِلَهَ إِلَّا الله की तल्क़ीन किया करो और जन्नत की बिशारत दिया करो […]

सामाजिक

उस्ताद के अदब के फ़वाईद

हुसूले इल्म के बुन्यादी अरकान में से एक अहम रुक्न उस्ताद है , तहसीले इल्म में जिस तरह दर्सगाह व किताब की अहमियत है उसी तरह हुसूले इल्म में उस्ताद का अदब व एहतिराम मर्कज़ी हैसियत का हामिल है ।उस्ताद की ताज़ीम व एहतिराम शागिर्द पर लाज़िम है कि उस्ताद की ताज़ीम करना भी इल्म […]