रोज़ा का बयान (क़िस्त 1)

अल्लाह अज़्जा व जल्ल फ़रमाता है: तर्जमा—– ऐ ईमान वालो तुम पर रोज़ा फ़र्ज़ किया गया जैसा उन पर फ़र्ज़ हुआ था जो तुमसे पहले हुए ताके तुम गुनाहों से बचो चंद दिनों का फिर तुम मैं जो कोई बीमार हो या सफर में हो वो और दिनों में गिनती पूरी कर ले, और जो … Continue reading रोज़ा का बयान (क़िस्त 1)